International Tiger Day 2021: दूघवा टाइगर रिजर्व से निकली साइकिल जागरुकता रैली, बाघ संरक्षण के लिए दिलाई शपथ
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर दुधवा में आयोजित गोष्ठी में मुख्य वन संरक्षक एवम फील्ड निदेशक संजय पाठक ने कहा कि मानव के अस्तित्व के लिए बाघों का संरक्षण जरुरी है। बिना बाघ व जंगल के मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
लखीमपुर, संवादसूत्र। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर दुधवा में गोष्ठी का आयोजन किया गया. साथ ही बाघों की सुरक्षा के प्रति जागरुकता रैली निकाली गई। रैली दुधवा पर्यटन परिसर से शुरु होकर पलिया स्थित मुख्यालय पहुंची और यहां से वापस पर्यटन परिसर पहुंच कर समाप्त हो गई। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर दुधवा में आयोजित गोष्ठी में मुख्य वन संरक्षक एवम फील्ड निदेशक संजय पाठक ने कहा कि मानव के अस्तित्व के लिए बाघों का संरक्षण जरुरी है। बिना बाघ व जंगल के मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होने कहा कि बाघ के संरक्षण के प्रयास पूरे विश्व में चल रहे हैं और भारत में इसपर गंभीरता से काम चल रहा है। यहा कारण है कि हमारे देश में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
संजय पाठक ने कहा कि लोगों का आवाहन किया कि वे बाघों के संरक्षण में भूमिका निभाएं और उनकी सुरक्षा के प्रति जागरुक रहें। कार्यक्रम में द नेचर सोसाइटी की छात्रा आदित्या मिश्रा, नाजरून निशा ने बाघ के महत्व पर अपने विचार रखें। इसी क्रम में ममता,आवृत्ति, खुशबू, निधि, किशन, रवि, विक्रम, शिफॉन ने बाघ दिवस पर रंगोली बनाकर लोगों को जागरूक किया। द नेचर सोसाइटी के अध्यक्ष शेखर श्रीवास्तव, रवि शर्मा,अंकुर सिंह ने बच्चों का उत्साह वर्धन किया। इसके बाद एफडी ने साइकिल जागरुकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में करीब 150 कर्मचारी शामिल थे। जागरुकता रैली में शामिल कर्मी दुधवा पर्यटन परिसर से चलकर पलिया स्थित दुधवा मुख्यालय पहुंचे और यहां से पुन: दुधवा पर्यटन परिसर पहुंच कर रैली समाप्त हो गई। रैली के पलिया मुख्यालय पहुंचने पर मुख्य वन संरक्षक एवम फील्ड निदेशक ने सभी कर्मियों को बाघों के संरक्षण की शपथ दिलाई और उनसे यह वादा लिया कि वे बाघों की सुरक्षा के प्रति भी जागरुक रहेंगे। इस मौके पर दुधवा के उपनिदेशक मनोज सोनकर, विश्व प्रकृति निधि के मुदित गुप्ता, चंदन मिश्रा, राधेश्याम भार्गव, सभी रेंजों के रेंजर्स, वनकर्मी, सोनपाल, बाबू, आमिर, रमानंद, सुनील कुमार, मनोज कुमार, शिवपूजन, राम सरन, सोनू कुमार, प्रेमचंद,विक्रम, शिवानंद, श्याम विहारी शामिल थे।