Move to Jagran APP

अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की फ्रेंचआइजी दिलाने के नाम पर ठगी, ब‍िहार से तीन ग‍िरफ्तार; जान‍िए क्‍या था फ्राड का तरीका

फ्रेंचआइजी दिलाने के नाम पर स्पूफिंग तकनीक का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले तीन जालसाजों को साइबर क्राइम सेल ने बिहार के नालंदा से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके पास से 30 लाख रुपये एक लक्जरी कार और मोबाइल फोन बरामद किया है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 09:23 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 12:47 AM (IST)
साइबर क्राइम सेल ने बिहार के नालंंदा से तीन जालसाजों को दबोचा।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। नामचीन अंतरराष्ट्रीय कंपनियोंं की फ्रेंचआइजी दिलाने के नाम पर स्पूफिंग तकनीक का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले तीन जालसाजों को साइबर क्राइम सेल ने बिहार के नालंदा से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके पास से 30 लाख रुपये, एक लक्जरी कार, मोबाइल फोन बरामद किया है। इंस्पेक्टर मथुरा राय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में सच्चिदानंद उर्फ बिट्टू निवासी, नालंदा कतरीसाराय पलटपुर (शिक्षा बीएससी), शिवेंद्र निवासी सीतामढ़ी सोनवरसा फरचइयां (शिक्षा बीटेक), विवेकानंद उर्फ मुन्ना निवासी पलटपुर (शिक्षा एमबीए मार्केटिंग) हैं। वहीं, फरार आरोपित कन्हैया और सुमन कुमार की तलाश में दबिश दी जा रही है।

loksabha election banner

नामचीन कंपिनयोंं की मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर कराते थे बूस्ट : साइबर क्राइम सेल के दारोगा सौरभ मिश्रा ने बताया कि जालसाजों ने कार कंपनी किआ और हल्दीराम समेत कई अन्य के नाम से वेबसाइट बना रखी थी। यह लोग वास्तविक कंपनी की वेबसाइट में स्पैलिंग के एक दो अक्षर बदल देते थे, जिससे उसी से मिलती जुलती वेबसाइट बन जाती थी। इसके बाद उसे खुद ही अथवा आइटी एक्सपर्ट्स से बूस्ट कराते थे। जब लोग इन कंपनियों की वेबसाइट गूगल पर सर्च करते तो वह फर्जी वाली पहले आ जाती थी। इन्हें बूस्ट कराने से यह फायदा होता था। लोग जब वेबसाइट खोलते तो उसमें एक पेज पर फार्म होता था। फार्म पर वह वेबसाइट खोलने वाली की डिटेल और नंबर मांगते थे। लोग वास्तविक वेबसाइट समझकर उसमें अपनी डिटेल भर देते थे।

सभी नामचीन कंपनियों के नाम से ट्रू-कालर पर सेव कर रखे थे नंबर : साइबर क्राइम सेल के साइबर एक्सपर्ट फिरोज बदर और अखिलेश के मुताबिक जालसाजों को अधिककर सभी नामचीन कंपनियों के अधिकारियों के नाम और उनकी पोस्ट पता होती थी। उनके नंबर भी ट्रूकालर पर नामचीन कंपनियों के नेशनल हेड, मार्केटिंग हेड और स्टेट हेड के नाम से आते थे। फिरोज बदर ने बताया कि जब लोग इनकी वेबसाइट खोलकर अपनी डिटेल भरते थे। उसी के आधार पर जालसाजों के साथी वेबसाइट सर्च करने वालों को फोन करते। जालसाजों के साथी उनसे फोन पर बात करते और पूछते की सर आपने मेरी साइट सर्च की थी। आप फ्रेंंचआइजी लेने के इच्छुक हैं। उसके बाद उसे सारी डिटेल बताते थे। ग्राहक जब तैयार हो जाता तो एक से पांच लाख तक टोकन मनी और रजिस्ट्रेशन के नाम पर अपने खाते में जमा कराते थे। जालसाजों ने नामचीन कंंपनियों के मिलते-जुलते नाम से ही बैंक खाते भी खोल रखे थे। इससे लोगों को उन पर शक नहीं होता था।

एल्डिको उद्यान और जौनपुर के व्यापारी हुए जालसाजी के शिकार : साइबर एक्सपर्ट शरीफ खान और अजय प्रताप सिंह ने बताया कि बीते 30 अप्रैल को एल्डिको उद्यान निवासी देवव्रत चतुर्वेदी और जौनपुर के नईगंज के विनोद गुप्ता ने मुकदमा दर्ज कराया था। जालसाजों ने देवव्रत को हल्दीराम की फ्रेंचआइजी देने के नाम पर तीन लाख रुपये और विनोद को किआ मोटर्स कंपनी की फ्रेंचआइजी दिलाने के नाम पर 21 लाख रुपये ठगे थे। इसके अलावा कई अन्य लोगों से ठगी की। जालसाजों ने तीन करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है।

फर्राटेदार बोलते थे अंग्रेजी, हर कंपनी की जानकारी रहती थी : साइबर क्राइम सेल के फिरोज बदर ने बताया कि जालसाज किसी से भी फोन पर बात करने में हिचकिचाते नहींं थे। उन्हें अधिकतर राज्योंं के कंपनियों के बड़े अधिकारियों के नाम पर उनके पदों की जानकारी होती थी। वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.