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Cyber Fraud: लाकडाउन बाद चार गुना बढ़े साइबर अपराध, जानिए एटीएम, यूपीआई व इंटरनेट मीडिया फ्राड व हनी ट्रैप से बचने क उपाय

जालसाज आए दिन नए-नए तरीके इख्तियार करके आम जन से लेकर अधिकारी और राजनेताओं के बैंक खातों तक चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। कभी आपके एटीएम कार्ड की क्लोनिंग करे तो कभी रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों के जीवन प्रमाणपत्र को जमा कराने के नाम।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 04:39 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 07:32 AM (IST)
Cyber Fraud: लाकडाउन बाद चार गुना बढ़े साइबर अपराध, जानिए एटीएम, यूपीआई व इंटरनेट मीडिया फ्राड व हनी ट्रैप से बचने क उपाय
लाकडाउन बाद चार जालसाजी के हर पैतड़े अपना रहें साइबर अपराधी।

लखनऊ, सौरभ शुक्ला। कोरोना महामारी और इससे जनता की सुरक्षा को लेकर हुए लाकडाउन के दौरान देश ही नहीं पूरा विश्व आर्थिक संकट से जूझा। बड़े स्तर पर लोगों की नौकरियां छूट गईं। इलाज कराने में लोग कंगाल हो गए तो वहीं, साइबर अपराधियों ने भी लोगों को आर्थिक क्षति पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें हैं।

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जालसाज आए दिन नए-नए तरीके इख्तियार करके आम जन से लेकर अधिकारी और राजनेताओं के बैंक खातों तक चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। कभी आपके एटीएम कार्ड की क्लोनिंग करे तो कभी रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों के जीवन प्रमाणपत्र को जमा कराने के बहाने उनके खातों की जानकारी हासिल करना, इनाम का झांसा देकर, वीडियो काल करके हनी ट्रैप में फंसाकर रुपयों की उगाही करना और तमाम तरह के अन्य तरीके अपना कर आपसे रुपए ऐंठ रहे हैं। इन जालसाजों से आपकी सतर्कता ही बचा सकती है। लखनऊ में लाकडाउन से अब तक की बात करें साइबर अपराध करीब चार गुना बढ़ गया है। वर्ष 2019 में जहां चार से पांच मामले प्रति दिन साइबर क्राइम सेल में आते थें। वहीं, अब 20-22 शिकायतें प्रति दिन आ रही हैं। लगातार बढ़ते साइबर अपराध से लोगों को बचाने के लिए पुलिस कमिश्रनर डीके ठाकुर के निर्देशन में एसीपी साइबर क्राइम सेल विवेक रंजन राय ने अलर्ट जारी किया है और लोगों को इससे बचाव के तरीके बताए हैं। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर साइबर क्राइम सेल द्वारा शहर के सार्वजनिक स्थानों मेट्रो स्टेशन, बस स्टेशन, एयरपोर्ट, बाजारों में इस साइबर अपराध से बचाव की जानकारी देते हुए पंफलेट भी लगाए गए हैं।

साइबर फ्राड हो तो तत्काल यहां दर्ज कराएं शिकायत

  • साइबर हेल्प लाइन नंबर : 155260
  • साइबर क्राइम सेल लखनऊ :9454457953-4
  • भारत सरकार द्वारा जारी पोर्टल : cybercrime.gov.in

 

एटीएम फ्राड से बचने के लिए:

  • उसी एटीएम का प्रयोग करें जहां केबिन में गार्ड हो।
  • एटीएम में पिन कोड हमेशा छुपा कर डालें, अधिक दिन तक एक ही कोड न रखें।
  • एटीएम कार्ड के पीछे लिखा सीवीवी नंबर किसी अनजान व्यक्ति को न दिखाएं।
  • एटीएम से रुपये निकालते समय अनजान व्यक्ति की मदद न लें।
  • वाईफाइ युक्त डेबिट, क्रेडिट कार्ड का ही प्रयोग करें स्कीमर से बचें।

फोन काल फ्राड बचने के लिए:

  • यह अवश्य जान लें कि बैंक कभी भी फोन और आपसे खाते संबंधी डिटेल नहीं मांगता। किसी को भी खाते की जानकारी न साक्षा करें।
  • मैसेज से प्राप्त प्रलोभन से संबंधित लिंक को न खोलें न ही उसमें कोई जानकारी भरें।
  • बैंक खाते से संबंधित केवाइसी, ईमेल, फोन नंबर अपडेट करना हो तो बैंक जाकर ही करें।
  • फोन पर मैसेज में आए ओटीपी और एसएमएस को किसी से साक्षा न करें।
  • किसी इनाम, लाटरी जिसका आपने आवेदन न किया हो उसके मैसेज के प्रलोभन में न पड़ें।
  • किसी भी कंपनी के कस्टमर केयर नम्बर को उसू की सम्बंधित वेबसाइट अथवा एप पर सर्च करें, न कि किसी सर्च इंजन, जैसे गूगल, याहू आदि।
  • रिफंड के नाम पर प्राप्त किसी फोन कॉल पर अपनी निजी बैंकिंग जानकारी शेयर न करें, आपका पैसा 24 से 72 घंटे में स्वत: आपके बैंक खाते में रिफंड हो जाता है।
  • कोई भी सर्विस प्रोवाइडर कम्पनी या बैंक अपने कस्टमर को केवाईसी अपडेट करने का एसएमएस नहीं भेजती है, यदि किसी व्यक्ति के मोबाइल नम्बर पर केवाईसी अपडेट करने का मैसेज आता है तो वह निश्चित रूप से किसी फ्राडस्टर द्वारा किया गया है।
  • किसी अनजान कॉल या मैसेज पर सिम बंद होने या केवाईसी अपडेट करने के लिए कोई भी निजी व गोपनीय जानकारी शेयर न करें।
  • पेंशनधारक व्यक्ति अपना जीवित प्रमाण पत्र अपडेट करने के लिए किसी भी कॉल का विश्ववास न करें। अपना पेंशन सम्बंधी डेटा शेयर न करें। ट्रेजरी अथवा पेंशन डाइरेक्टरेट द्वारा कभी भी ऐसा डाटा कॉल के द्वारा नहीं मांगा जाता है।

यूपीआई फ्राड से बचने के लिए :

  • पैसे लेने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करने से बचें।
  • अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए पेमेंट रिक्वेस्ट या ट्रांजेक्शन लिंक पर अपना यूपीआई पिन न डालें।
  • कभी भी अपना यूपीआई पिन अथवा ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) किसी से भी शेयर न करें।
  • पैसे प्राप्त करने के लिए कभी भी यूपीआई पिन की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसा करने से बचें।
  • पेमेंट प्राप्त करने के लिए भेजे गए किसी भी लिंक पर अपनी बैंकिग जानकारी न भरें। क्यूआर कोड स्कैन न करें। पैसे भेजने के लिए ही क्यूआर कोड स्कैन किया जाता है, लेने के लिए नहीं।

हनी ट्रैप से बचने के लिए

  • इंटरनेट मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर अनजान व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट गहन विचारोपरांत ही स्वीकार करें।
  • मैट्रीमोनियल साइट्स जैसे शादी डॉट कॉम, भारत मैट्रीमोनी डॉट कॉम, जीवनसाथी डॉट कॉम आदि वेबसाइट पर जीवनसाथी खोजते समय अनजान व्यक्ति के झांसे में आकर को भी पेंमेंट न करें।
  • डेटिंग एप्स जैसे टिंडर, क्यूटीयू, लोवू, लोकैंटो आदि का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें।
  • इंटरनेट मीडिया, व्हाट्सअप, मैसेंजर पर कामुक चैट और कामुक वीडियो कॉल से बचें।
  • इंटरनेट मीडिया संबंधी फ्राड से बचने के लिए
  • अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट न स्वीकार करें।
  • अनजान व्यक्ति की वीडियो काल कतई न स्वीकार करें।
  • लागइन यूजर पासवर्ड कभी किसी से शेयर न करें।
  • किसी भी अज्ञात लिंक को ओपन न करें।
  • हमेशा अपनी प्रोफाइल को लाक कर रखें।
  • अनजान व्यक्ति के साथ वाट्सएप पर कामुक चैट न करें।
  • सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाले किसी भी पोस्ट को लाइक न करें न ही कमेंट करें।
  • ऐसे किसी ग्रुप से न जुड़ें जो चाइल्ड प्रोनोग्राफी, महिला अपराध और अश्लीलता को परोसता हो।
  • कंप्यूटर ई-मेल हैकिंग से बचने के लिए
  • हमेशा अपडेटेड एंटी वायरस का ही प्रयोग करें।
  • किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक न करें।
  • प्रतिबंधित वेबसाइट्स, पोर्न साइट्स को सर्च अथवा ओपन न करें।
  • किसी भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन हेतु प्राप्त किसी भी ई-मेल आइडी का बारीकी से अध्ययन कर लें, ई-मेल स्पूफिंग से बचें।

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