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अब साइबर जालसाजों के निशाने पर सचिवालय के कर्मचारी

आरोपित ने बातों में उलझाकर पहले उनसे आधार नंबर पूछा और फिर एटीएम कार्ड के बारे में जानकारी हासिल कर ली।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Fri, 06 Oct 2017 11:48 AM (IST)Updated: Fri, 06 Oct 2017 11:48 AM (IST)
अब साइबर जालसाजों के निशाने पर सचिवालय के कर्मचारी
अब साइबर जालसाजों के निशाने पर सचिवालय के कर्मचारी

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। साइबर जालसाजों के निशाने पर अब सचिवालय के कर्मचारी आ गए हैं। सीयूजी नंबरों पर फोन कर जालसाज खुद को बैंक अधिकारी बताकर एटीएम कार्ड की जानकारी हासिल कर खाते से रुपये निकाल ले रहे हैं। साइबर क्राइम सेल में अब तक करीब 10 से अधिक सचिवालय के अधिकारी व कर्मचारियों ने शिकायत दर्ज कराई है।

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राजाजीपुरम सपना कॉलोनी निवासी सचिवालय के मेडिकल सेक्शन में समीक्षा अधिकारी गोपी कृष्ण श्रीवास्तव के मुताबिक उनके सरकारी नंबर पर एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया था। उसने खुद को सचिवालय स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का डिप्टी मैनेजर बताया। जालसाज ने खाते को आधार से लिंक करने की बात कही, जिस पर उन्होंने मना कर दिया।

आरोपित ने बातों में उलझाकर पहले उनसे आधार नंबर पूछा और फिर एटीएम कार्ड के बारे में जानकारी हासिल कर ली। यही नहीं आरोपित के झांसे में आकर उन्होंने वन टाइम पासवर्ड ओटीपी नंबर भी बता दिया। इसके थोड़ी देर बाद ही गोपी कृष्ण के खाते से दो बार में 49,990 रुपये निकल गए। पीड़ित ने मामले की जानकारी साइबर क्राइम सेल में दी और हजरतगंज कोतवाली में शिकायत की। फिलहाल साइबर सेल की मदद से गोपी कृष्ण के खाते में 18,820 रुपये वापस आ गए हैं।

पुलिस के मुताबिक जालसाज सचिवालय के अधिकारियों के मोबाइन नंबर के आखिरी अंक में फेरबदल कर लगातार फोन कर रहे हैं। आरोपितों ने मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात समीक्षा अधिकारी श्रीराम वर्मा के खाते से भी 70 हजार रुपये निकाल लिए। आरोपितों ने श्रीराम से भी खुद को बैंक अधिकारी बताया था। यही नहीं ठगों ने सचिवालय में कार्यरत निर्मला के खाते से 20 हजार, बृजेश कुमार दुबे के खाते से 50 हजार और अनुसचिव गिरीश चंद के खाते से भी मोटी रकम निकाले हैं।

'मैं रस्तोगी बोल रहा हूं': पुलिस के मुताबिक एसबीआइ के सचिवालय शाखा में रस्तोगी नाम के एक कर्मचारी हैं, जिन्हें शाखा के सभी ग्राहक जानते हैं। ठगों ने जब सचिवालयकर्मियों को फोन किया तो पीड़ितों ने उनसे पूछा कि आप रस्तोगी जी बोल रहे हैं क्या? यह सुनते ही जालसाजों ने हामी भर दी। इसके बाद अन्य कर्मचारियों को फोन कर खुद को रस्तोगी बताया और भरोसे में लेकर एटीएम की जानकारी हासिल कर खातों से रुपये निकालने लगे।

नालंदा में मिल रही लोकेशन: साइबर क्राइम सेल के प्रभारी अरुण कुमार सिंह के मुताबिक छानबीन में जालसाजों की लोकेशन बिहार के नालंदा में मिली है। ठग गिरोह बनाकर बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली से लोगों को फोन कर रहे हैं। सभी मामलों की जांच की जा रही है।

रहें सतर्क, ऐसे करें बचाव: ऑनलाइन शॉपिंग करते समय ऐसे वेबसाइट का ही प्रयोग करें, जो एसएसएल सर्टिफाइड हों। यह ब्राउजर बॉक्स में लॉक साइन से दिखता है। अभी हाल ही में पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें एचटीटीपीएस प्रोटोकॉल वेबसाइट का ही प्रयोग करने की सलाह दी गई थी।

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एंटी वायरस डाउनलोड करें: एंटी वायरस सॉफ्टवेयर आपके सिस्टम को सुरक्षित रखेगा। आप मोबाइल में आइडेंटीटी थेप्ट डिटेक्शन एप्स इंस्टाल कर सकते हैं, इससे मोबाइल खोने की दशा में आपको आपका डाटा वापस मिल जाएगा। डेबिट कार्ड से ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन न करें। सीवीवी नंबर को छिपाकर रखें। सोशल साइट्स पर ऑनलाइन एकाउंट का प्रयोग करने के बाद फौरन लॉग आउट कर दें। पासवर्ड बदलते रहें। बैंक स्टेटमेंट चेक करते रहें।

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