CRPF का बर्खास्त सिपाही चला रहा था नकली शराब फैक्ट्री, भंड़ाफोड़
लखनऊ की सरोजनीनगर पुलिस ने नकली शराब की फैक्ट्री का किया भंड़ाफोड़ 12 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार नटकुर में आरो फैक्ट्री की आड़ में हो रहा था गोरखधंधा। यहां से भारी मात्रा में देसी ब्रांड की शराब की बोतलें नकली शराब बनाने के उपकरण सहित बड़ी संख्या में रैपर बरामद।
By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 07:34 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 07:34 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। सरोजनीनगर में सीआरपीएफ का बर्खास्त सिपाही मनोज यादव नकली शराब फैक्ट्री चला रहा था। आरओ फैक्ट्री की आड़ में गोरखधंधा हो रहा था। ग्रामसभा नटकुर मजरा मुल्लाहीखेड़ा में पुलिस ने छापेमारी कर नकली शराब फैक्ट्री का भंड़ाफोड़ किया है।
यहां से भारी मात्रा में देसी ब्रांड की शराब की बोतलें, नकली शराब बनाने के उपकरण सहित बड़ी संख्या में रैपर भी बरामद किए गए हैं। डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा ने बताया पुलिस टीम ने छापे के दौरान 12 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 30,480 शराब से भरी बोतलें और 13,780 लीटर शराब जो अभी बोतलों में भरना बाकी थी ज़ब्त की गई। साथ ही भारी मात्रा में प्लास्टिक की खाली शीशियां ,6 बोरी ढक्कन, 21 बंडल गत्ते ,दो आरओ सिलेंडर ,एक आरो मशीन और पैकिंग मशीन के अलावा कार्टून गत्ते , रैपर क्रेजी रोमियो ब्रांड व वाह ऑरेंज ब्रांड बरामद किए गए। इन अपराधियों ने एक बड़ी फैक्ट्री खड़ी कर ली थी। इसके अंदर खुद का आरो प्लांट बना लिया था। जिसके जरिए यह लोग पानी निकालते थे। साथ ही साथ अलग-अलग शराब बनाने के लिए केमिकल भी इस्तेमाल करते थे, जो बेहद खतरनाक है।
ये आरोपित पकड़े गये
पकड़े गए 12 आरोपियों में बड़े लाल, अरविंद कुमार, आकाश कुमार, सोनू कुमार, गजेंद्र चौहान, नागेंद्र चौहान, संगम ,आकाश जायसवाल, पवन कुमार जयसवाल ,राजू चौहान, अरुण सिंह ,आकाश जायसवाल हैं, जिन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है।-सीआरपीएफ से बर्खास्त सिपाही रिश्तेदार के साथ चला रहा था फैक्ट्री..प्रभारी निरीक्षक सरोजनीनगर आनंद कुमार शाही ने बताया कि जनपद औरैया के ग्राम झिंगरिया निवासी मनोज यादव सीआरपीएफ में तैनात था। एक हत्या के मामले में जेल भी गया था। तब से बर्खास्त चल रहा था।और ग्रामसभा नटकुर के मजरा मुल्लाही खेड़ा में जमीन लेकर अपने प्लाट पर निर्माणाधीन वेयरहाउस में आरो कंपनी के आड़ में रिश्तेदार विकास यादव और सहयोगी मंजीत जयसवाल के साथ नकली शराब की फैक्ट्री चला रहा था। फिलहाल अन्य फरार आरोपितों की पुलिस टीम तलाश कर रही है।
क्यों नहीं हुई पनकली शराब बनाने की फैक्ट्री की जानकारी?.चौकी से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थापित आरो फैक्ट्री के अंदर काफी समय से नकली शराब बनाए जा रही थी। उसकी अन्य प्रांतों में सप्लाई की जा रही थी। पुलिस को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगी। इस पर पुलिस की सक्रियता सवालिया निशान भी लग रहा है। लोगों की मानें तो गांव में चल रही नकली शराब की फैक्ट्री से आए दिन सप्लाई के लिए वाहनों का आवागमन हो रहा था, लेकिन पुलिस अनजान बनी थी। अपराधी बेखौफ नकली शराब बेचकर लोगों की जान से लगातार खिलवाड़ करते चले आ रहे थे।
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