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अयोध्‍या : कोरोना पर भारी पड़ी आस्था, 14 कोसी पर‍िक्रमा को श्रद्धालुओं से पटी रामनगरी

पूर्व वर्षों की अपेक्षा भीड़ कम होने के बावजूद भव्य-दिव्य राम मंदिर की संभावनाओं से स्फुरित रहे श्रद्धालु। अयोध्या के हैदरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम दुबौलिया निवासी महिमा शुक्ला सोमवार को चौथी 14 कोसी परिक्रमा से स्वयं को तृप्त कर रही होती हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 09:07 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:58 AM (IST)
अयोध्‍या : कोरोना पर भारी पड़ी आस्था, 14 कोसी पर‍िक्रमा को श्रद्धालुओं से पटी रामनगरी
नगरी की सीमा सील किए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने की परिक्रमा।

अयोध्या, [रघुवरशरण]। आधी रात की गहन स्तब्धता अचानक टूटती है। घड़ी की सुइयां मध्य रात्रि का अतिक्रमण करती हुईं 2:13 बजे का संकेत करती हैं। ...और अगले पल रामनगरी की 14 कोस की परिधि श्रद्धालुओं से आप्लावित हो उठती है। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण को ध्यान में रख कर प्रशासन ने बाहर से आने वाले परिक्रमार्थियों की राह रोक रखी है। इसके बावजूद परिक्रमा मार्ग पर आस्था का प्रवाह विसर्जित होता है।

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परिक्रमा में भीड़-भाड़ सीमित रखने के लिए रविवार से ही नगरी की सीमा सील किए जाने के बाद माना जा रहा था कि परिक्रमा स्थानीय श्रद्धालुओं के भरोसे प्रवाहित होगी, पर आश्चर्यजनक रूप से परिक्रमा में अधिसंख्य बाहरी श्रद्धालु शामिल होते हैं। ऐसा नहीं है कि उन्हें परिक्रमा में बाहरी श्रद्धालुओं की शिरकत निषिद्ध किये जाने की खबर नहीं थी, पर उत्साह के आगे रोक बौनी साबित हुई और वे रोक-टोक की दुश्वारियों से पार पाकर आस्था के पथ पर पूरी रौ से आगे बढ़ रहे होते हैं। जिसे जहां से मौका मिल रहा है, वहीं से आस्था की सरयू में डुबकी लगाता हुआ आगे बढ़ रहा है।

...तो रामनगरी की परिक्रमा के बड़े हिस्से का स्पर्श कर बह रहीं पुण्य सलिला सरयू भी परिक्रमार्थियों का साथ दे रही हैं। अधिसंख्य श्रद्धालु आगे बढऩे से पूर्व सरयू जल शिरोधार्य करते हैं। कोई स्नान कर रहा होता है, कोई अपने ऊपर सरयू जल की कुछ बूंदें डाल कर स्वयं को तृप्त कर रहा होता है। परिक्रमा शुरू हुए तीन घंटे बीत चुके हैं। आस्था का सैलाब हिलोरें ले रहा है।

अगले जत्थे में शामिल परिक्रमार्थी 42 किलोमीटर की तय दूरी का तिहाई सफर पूरा कर रहे हैं पर उनका उत्साह ठंडा नहीं पड़ा है। वे जोश, दृढ़ता और कोई चिर साध पूरी होने की खुशी में निर्बाध आगे बढ़े जा रहे हैं। बीच-बीच में श्रद्धालुओं के ऐसे झुंड गुजरते हैं, जिनके हाथों में धर्म के परिचायक ध्वज दिखाई पड़ते हैं। इक्का-दुक्का जत्था राष्ट्रीय ध्वज और भाजपा का झंडा लिए भी दिखा। जो भव्य-दिव्य राम मंदिर निर्माण के प्रति कहीं अधिक मुखर हैं पर जो मौन हो गुजर रहे हैं, वे भी जरा सा छेडऩे पर दिल की बात जुबां पर ले आते हैं।

सभी को तरंगायित कर रहीं मंदिर निर्माण की संभावनाएं

बहराइच के ग्राम भवानीपुर निवासी गृहस्थ संत दयाशंकर उम्र के 70 बसंत देख चुके हैं, पर आस्था के पथ पर उनका उत्साह युवाओं को मात देता है। वे याद करते हुए बताते हैं कि गत तीन दशक के दौरान 10-15 परिक्रमा कर चुके हैं, पर इस बार की परिक्रमा खास है और इसीलिए वे प्रतिबंध की परवाह न करते हुए अयोध्या आ पहुंचे। उनका निहितार्थ आजमगढ़ जिला के ग्राम अहिरौला निवासी युवा कृषक शिवानंद यादव स्पष्ट करते हैं। शिवानंद बताते हैं, रविवार को वे बस से नगरी की परिधि पर पहुंचे और पैदल ही नगरी की सीमा में दाखिल हो गये। यह परवाह किये बगैर कि आगे उन्हें दिक्कत हो सकती है। यह प्रतिबद्धता इसलिए थी कि रामलला के हक में आये अदालती फैसले के बाद यह रामनगरी की पहली परिक्रमा थी और इस अवसर को जाया नहीं जाने दिया जा सकता था। 

अयोध्या के हैदरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम दुबौलिया निवासी महिमा शुक्ला सोमवार को चौथी 14 कोसी परिक्रमा से स्वयं को तृप्त कर रही होती हैं। तीन वर्ष पूर्व परिक्रमा का क्रम शुरू करने वाली महिमा के लिए चौथी परिक्रमा तब और भी अहम हो गयी, जब भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण की संभावना नित्य-निरंतर प्रबल हो रही है। उनके साथ उनकी भाभी नूतन दुबे भी होती हैं। वे कहती हैं, मंदिर निर्माण के लिए हम सबने एक-एक दिन गिने हैं और राम मंदिर निर्माण की तैयारी के बीच रामनगरी की परिक्रमा अत्यंत सुखद है।

आस्था के केंद्र में रहे रामलला

यूं तो आस्था की माला रामनगरी की परिधि पर सज्जित हो रही थी, पर आस्था के केंद्र में रामलला थे। परिधि पर परिक्रमा करने वालों का सरोकार सीधे रामलला से समीकृत था ही, तो 14कोस की श्रमसाध्य परिक्रमा की हिम्मत न जुटा पाने वाले श्रद्धालु रामलला के दर्शन और उनकी परिक्रमा के माध्यम से आस्था अर्पित कर रहे थे। समझा जाता है कि मंगलवार को तड़के 14 कोसी परिक्रमा पूरी होने के बाद श्रद्धालु थोक के भाव में रामलला की ओर उमड़ेंगे।

दिग्गजों ने भी की परिक्रमा

 परिक्रमा में जन साधारण से लेकर विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गज शामिल हुए। इलाकाई विधायक वेदप्रकाश गुप्त पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास के साथ श्रद्धालुओं के जत्थे का नेतृत्व करते हुए लंबा सफर तय करते देखे गये। विधायक ने कहा, यह व्यवस्था परखने के साथ आस्था में डुुबकी लगाने का बेहतरीन मौका है। महंत रामदास ने कहा, परिक्रमा के साथ परिक्रमार्थियों की सेवा का सुख कहीं अधिक है। मिल्कीपुर क्षेत्र के विधायक गोरखनाथ बाबा ने सआदतगंज चौराहा से परिक्रमा शुरू की।

आलाधिकारी लेते रहे व्यवस्था का जायजा

मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, आईजी जोन डॉ. संजीव गुप्त, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, डीआइजी दीपक कुमार, मेलाधिकारी डॉ. वैभव शर्मा, एसपी सिटी विजयपाल ङ्क्षसह आदि पूरे दिन परिक्रमा क्षेत्र का भ्रमण कर व्यवस्था का जायजा लेते रहे। भीड़ कम होने की वजह से प्रशासन पर पारंपरिक व्यवस्था संबंधी दबाव नहीं था, पर वे कोरोना प्रोटोकाल सुनिश्चित कराने के लिए कड़ी मशक्कत करते देखे गये।

पांच देशों में रामकथा का प्रसारण

कार्तिक मास की पवित्र बेला में विश्व शांति आश्रम के व्यवस्थापक एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति के कथाव्यास आचार्य लक्ष्मण रामकथा पर केंद्रित प्रवचन करते रहे हैं। इस बार कोरोना संकट की वजह से उन्होंने प्रवचन नहीं किया, तो फिजी आकाशवाणी रेडियो रिश्ते ने उन्हें 25 से 29 नवंबर तक रामकथा के लिए अनुबंधित किया। भारतीय समय के अनुसार आचार्य लक्ष्मण का प्रवचन दोपहर 11:30 से 12:30 बजे तक प्रसारित होगा। इसे फिजी सहित आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और कनाडा में भी सुना जा सकता है। फेसबुक पर प्रवचन का लाइव प्रसारण होगा।


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