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लखनऊ में कोयला व्यापारी के घर पुलिस ने डाली डकैती, दो दारोगा-सिपाही समेत चार गिरफ्तार

गोसाईगंज क्षेत्र स्थित ओमेक्स रेजीडेंसी में असलहों से लैस पुलिस कर्मियों ने अंजाम दी घटना। एसएसपी ने दोनों दारोगाओं को किया निलंबित दारोगा समेत सात के खिलाफ डकैती का मुकदमा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 02:04 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 10:03 AM (IST)
लखनऊ में कोयला व्यापारी के घर पुलिस ने डाली डकैती, दो दारोगा-सिपाही समेत चार गिरफ्तार
लखनऊ में कोयला व्यापारी के घर पुलिस ने डाली डकैती, दो दारोगा-सिपाही समेत चार गिरफ्तार

लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश की राजधानी में एक बार फिर पुलिस का दामन दागदार हो गई। पुलिस की टीम ने कोयला व्यापारी के घर में घुसकर 3.85 करोड़ में से एक करोड़ 85 लाख रुपया लूटने के बाद व्यापारी को भी फंसाने की साजिश रची। इस मामले में दो दारोगा के साथ दो सिपाहियों को गिरफ्तार किया गया है।

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लखनऊ में एपल में अधिकारी विवेक तिवारी की हत्या के बाद देशभर में हुई किरकिरी के बाद भी लखनऊ पुलिस ने अब डकैती की वारदात को अंजाम देकर फिर खाकी को दागदार कर दिया। कल सुबह असलहों से लैस दारोगा पवन मिश्रा और आशीष तिवारी ने सिपाही प्रदीप तथा मुखबिर मधुकर समेत सात लोगों के साथ ओमेक्स रेजीडेंसी में कोयला व्यवसायी अंकित अग्रहरि के फ्लैट में करोड़ों की ब्लैकमनी के लिए छापामारी कर डकैती की वारदात को अंजाम दिया। एसएसपी ने बताया कि दारोगा पवन, आशीष के अलावा मधुकर मिश्र व चार अज्ञात के खिलाफ डकैती समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एसएसपी ने बताया कि दारोगा पवन, आशीष तिवारी, सिपाही प्रदीप और उसके चालक आनंद यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, मुखबिर व अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही हैं।

व्यापारी के मुताबिक उनके यहां 3.38 करोड़ रुपये थे, जिसमें से आरोपितों ने बेड और दीवान में रखे 1.85 करोड़ रुपये लूट लिए। मामला खुला तो इनकम टैक्स की टीम को बुलाकर बचे 1.53 करोड़ रुपये उनके हवाले कर दिए। पड़ताल में घटना का राजफाश हुआ तो दोनों दारोगा, सिपाही और मुखबिर समेत सात लोगों के खिलाफ डकैती समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद दोनों दारोगा के आवास से 36 लाख रुपये बरामद भी कर लिए गए। बाकी पैसा लेकर मधुकर मिश्रा और साथी फरार हैं। इसी क्रम में एसएसपी ने आरोपित दारोगा आशीष, पवन, सिपाही प्रदीप समेत तीनों को निलंबित कर उनकी गिरफ्तारी कर ली।

कोयला कारोबारी अंकित ने बताया वह मूलरूप से सुलतानपुर धनपतगंज निवासी हैं। वह यहां ओमेक्स रेजीडेंसी में फ्लैट संख्या 104 में शनिवार सुबह वह साथी अश्विनी पांडेय, बल्दीखेड़ा गोसाईगंज निवासी अभिषेक वर्मा, शिवरतनगंज अमेठी के अभिषेक सिंह, रुदौली फैजाबाद के कुलदीप यादव, ग्वालियर निवासी जीतेंद्र सिंह तोमर व सचिन के साथ थे। सुबह करीब सात बजे कुछ लोगों ने दस्तक दी। दरवाजा खोला तो अपार्टमेंट के चौकीदार के साथ सात लोग भीतर घुस आए। इनमें से दोनों दारोगा वर्दी में थे। 

उन्होंने असलहा तानते हुए जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि तुम्हारे यहां ब्लैकमनी रखी है। पुलिसकर्मियों ने बेड बॉक्स और दीवान के बिस्तर उलट दिए। उनमें रखे रुपये निकाल कर झोले और बैग में भरने लगे। उन्हें रोकने की कोशिश की तो लात-घूंसे और डंडों से हमला बोल दिया। उक्त लोगों ने 1.85 लाख रुपये बैग और झोलों में भर लिए। अपने साथ आए हुए लोगों को रुपयों से भरे बैग और झोले देकर भेज दिया। बेड में बचे 1.53 करोड़ रुपये बक्सों में भरे और ब्लैक मनी का हवाला देते हुए पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। जानकारी पर सीओ मोहनलालगंज राजकुमार शुक्ला पहुंचे। इसी क्रम में एसएसपी कलानिधि नैथानी ने क्राइम ब्रांच को पड़ताल के लिए भेजा। जांच एएसपी ग्र्रामीण विक्रांत वीर को सौंपी गई। पड़ताल हुई तो दोनों दारोगाओं की साजिश का राजफाश हो गया।

दो हजार तक की थीं गड्डियां 

सीओ के मुताबिक वहां पर बेड और दीवान से मिली नकदी में दो हजार, 500, 200, 100 व दस रुपये की गड्डियां थीं।

गोसाईगंज थाने में बनी थी योजना, प्रभारी को पता भी नहीं चला

बताया जा रहा है कि मुखबिर मधुकर गोसाईगंज थाने गया था। जहां उसने दोनों दारोगाओं के साथ मिलकर योजना बनाई थी। थाने में ही उन्होंने घंटों यह भी डील की थी कि कितना रुपया दिखाया जाएगा और कितना हड़प करना है। थाने में बनी योजना के बाद भी थानाप्रभारी अजय त्रिपाठी समेत किसी पुलिसकर्मी को भनक तक नहीं लगी।

मंत्री के दखल पर हुई कार्रवाई!
अंकित अग्रहरि को सरकार के एक मंत्री का करीबी बताया जा रहा है। घटना की जानकारी होने पर मंत्री ने एक अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। सूत्रों के मुताबिक फ्लैट में मिला रुपया मंत्री का ही है।

करोड़ों की ब्लैकमनी और असलहों की खेप की थी मुखबिरी
पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि मुखबिर मधुकर ने दोनों दारोगाओं को बताया था कि फ्लैट में करोड़ों रुपये की ब्लैकमनी और असलहों की खेप रखी है। इसी को आधार बनाकर दोनों दारोगा वहां पहुंचे थे। मौके से एक पिस्टल और चार कारतूस भी बरामद किए गए हैं। एसएसपी ने बताया कि दारोगा पवन, आशीष के अलावा मधुकर मिश्रा व चार अज्ञात के खिलाफ डकैती समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एसएसपी ने बताया कि वारदात में शामिल दारोगा पवन, आशीष तिवारी, सिपाही प्रदीप और वाहन चालक आनंद यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, मुखबिर मधुकर समेत अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।

आयकर की टीम कर रही पड़ताल 
व्यवसायी के फ्लैट से बरामद 1.53 करोड़ की नकदी की आयकर विभाग की टीम पड़ताल कर रही है। देर रात तक पुलिस कोयला व्यवसायी अंकित अग्रहरि और उनके साथियों से रुपयों के ब्योरे के बारे में पूछताछ करती रही।


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