Bahraich Encounter: ससुराल में 15 वर्षों से छिपकर रह रहा था कुख्यात अपराधी पन्ना यादव
एसटीएफ जवानों के रूप में दबे पांव आई पन्ना यादव की मौत।
बहराइच, जेएनएन। मूलरूप से गोरखपुर जिले का निवासी कुख्यात अपराधी पन्ना यादव बीते 15 वर्षों से घाघरा नदी के कछार में आबाद हरदी थाना क्षेत्र के गलकारा ग्राम पंचायत के अहिरनपुरवा स्थित अपनी ससुराल में छिपकर रह रहा था। जुर्म की लंबी फेहरिश्त के साथ शुक्रवार का भोर दबे पांव उसकी मौत लेकर आया। पहली बार वह 2005 में बहराइच के अहिरनपुरवा आया और यहीं रहकर अपराध को अंजाम देने लगा। वर्ष 2010 में वह एक विवाहिता को भगा ले गया, लेकिन कुछ दिन बाद वापस लौटकर अपनी ससुराल में रहने लगा। कुछ दिन बाद पन्ना ने ससुराल से अलग गांव के बाहर खेत में अपना ठिकाना बना लिया। महफूज ठिकाना मानकर वह अपराध के बाद अधिकांश समय यहीं व्यतीत करता था।
सर्विलांस के आधार पर गुरुवार देर रात गांव के बाहर डेरा डालकर एसटीएफ के जवानों ने उसके घर की रेकी शुरू की। शुक्रवार को भोर होते ही डिप्टी एसपी डीके शाही की अगुआई में पन्ना के घर को जवानों ने घेर लिया। पुलिस टीम देख व फायर करते हुए साथियों संग खेतों की ओर भागा। जहां पहले से ही मुस्तैद जवानों ने उसे ढेर कर दिया। शाही ने बताया कि पन्ना गोरखपुर जेल में जेलर की पिटाई के बाद पेशी के दौरान 2013 वह बाराबंकी से पुलिस हिरासत से भाग निकला था। उसके खिलाफ गोरखपुर, महराजगंज, बाराबंकी, वाराणसी, बहराइच, लखीमपुर, आजमगढ़ समेत कई जिलों में हत्या, लूट, प्राणघातक हमला, हत्या के प्रयास, डकैती जैसे संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज थे।
मुठभेड़ के बाद छावनी में तब्दील हुआ गांव
दुर्गम क्षेत्रों में शुमार तराई का इलाका। नदी से चंद कदम की दूरी। भोर के करीब साढ़े पांच बज रहे थे, अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से अहिरनपुरवा गूंज उठा। ग्रामीण किसी अनहोनी की आशंका से दहशत में आ गए। पुलिस की कई गाडिय़ां फर्राटा भरते गांव पहुंची तो कुख्यात अपराधी पन्ना यादव उर्फ डॉक्टर से एसटीएफ व पुलिस से मुठभेड़ का मामला सामने आया। कुख्यात अपराधी पन्ना यादव की एसटीएफ से मुठभेड़ के बाद गांव छावनी में तब्दील हो गया। सूचना पाकर एएसपी ग्रामीण अशोक कुमार, सीओ कैसरगंज अरुण चंद्र, एसओ हरदी आरपी यादव, एसओ बौंडी सुभाषचंद्र सिंह, एसओ रामगांव अभय सिंह दलबल के साथ पहुंचे। फॉरेंसिक टीम के सदस्यों ने साक्ष्यों का संकलन किया।