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शातिरों की कुंडली बनाएगा अपराध कार्य प्रणाली ब्यूरो, वारदात के तौर-तरीकों के अध्ययन के लिए गठन

डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि अपराध कार्य प्रणाली ब्यूरो गंभीर व सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम दिए जाने के तरीकों का प्रभावी रूप से विश्लेषण करेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 01:14 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 08:20 AM (IST)
शातिरों की कुंडली बनाएगा अपराध कार्य प्रणाली ब्यूरो, वारदात के तौर-तरीकों के अध्ययन के लिए गठन
शातिरों की कुंडली बनाएगा अपराध कार्य प्रणाली ब्यूरो, वारदात के तौर-तरीकों के अध्ययन के लिए गठन

लखनऊ, जेएनएन। हर शातिर का वारदात करने का अपना तरीका होता है। डकैतों के गिरोह अपने खास अंदाज में घटना करते हैं। कुछ लुटेरे गोली मारने के बाद ही रकम लूटते हैं तो कुछ गिरोह घटनास्थल पर डंडे से पहले हमला करने के आदी होते हैं। अपराध की दुनिया के अपने तौर-तरीकों के बीच कुछ गिरोह अपने ही टोने-टोटके या यूं कहें शुभ-अशुभ पर भी यकीन करते हैं। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने सूबे में पहली बार आपराधिक गिरोह के वारदात करने के तौर-तरीकों के अध्ययन के लिए 'अपराध कार्य प्रणाली ब्यूरो' का गठन किया है। अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए उठाए गए इस अहम कदम के तहत अब पुलिस शातिरों की कुंडली बनाएगी।

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डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि अपराध कार्य प्रणाली ब्यूरो गंभीर व सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम दिए जाने के तरीकों का प्रभावी रूप से विश्लेषण करेगा। इससे संगीन घटनाओं की रोकथाम व उनके सही राजफाश में मदद मिलेगी। डीजीपी मुख्यालय स्तर पर गठित अपराध कार्य प्रणाली ब्यूरो एसपी राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) के नियंत्रण में काम करेगा। इसके कार्यों का पर्यवेक्षण एडीजी तकनीकी सेवाएं करेंगे।

अपराध कार्य प्रणाली ब्यूरो में विशेष रूप से सनसनीखेज हत्या व भाड़े पर कराई गई हत्या, डकैती, दो पहिया वाहन से लूट, बैंक व अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में डकैती/लूट, एटीएम मशीन को क्षति पहुंचाकर चोरी, गृहभेदन, घरों में चोरी, गोवध व गो-तस्करी, मूर्ति चोरी, माफिया, मानव तस्करी, मादक पदार्थो की तस्करी, अवैध शस्त्रों की तस्करी, टप्पेबाजी, जाली नोटों की तस्करी, वाहन चोरी, जालसाजी, गबन, फिरौती के लिए अपहरण, जहरखुरानी, रेलवे के अपराध कारित करने वाले गिरोह, चोरी और लूट का माल खरीदने वालों के विवरण को उनकी कार्यप्रणाली के आधार पर वर्गीकृत कर उनका ब्योरा बनाएगा।

विभिन्न अपराध शीर्षकों के अंतर्गत अपराधियों का विवरण डोजियर के रूप में संकलित किया जाएगा। जिन अपराधियों के विरुद्ध दो या ज्यादा मुकदमों में कोर्ट में ट्रायल के बाद सजा सुनाई जा चुकी होगी, उन्हें अभ्यस्त अपराधी की श्रेणी में रखा जाएगा।


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