यूपी में पंचायत चुनाव से पहले बढ़ा वारदात का ग्राफ, डीजीपी बोले- गवाहों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करे पुलिस
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा है कि घटनास्थल के निरीक्षण के तत्काल बाद ही विवेचना की रूपरेखा तैयार कर आगे की कार्रवाई की जाए। विशेष अपराधों की विवेचना में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया जाए और समय रहते वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जाएं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ने के साथ ही रंजिश में हत्या और मारपीट की घटनाओं का ग्राफ भी बढऩा शुरू हो गया है। चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की चुनौती से निपटने के लिए डीजीपी मुख्यालय ने अपनी कसरत शुरू कर दी है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने खासकर हत्या, डकैती व लूट के दौरान हत्या जैसी संगीन घटनाओं में विवेचना के स्तर पर अतिरिक्त सतर्कता के साथ ही गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के कड़े निर्देश दिए हैं।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बदायूं में महिला से सामूहिक दुष्कर्म व लखनऊ में अजीत सिंह हत्याकांड सरीखी घटनाओं को देखते हुए पुलिस अधिकारियों को ऐसी वारदात में हर स्तर पर पूरी सतर्कता बरतने व विशेष अपराधों की विवेचना में निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा है। उन्होंने सभी एडीजी जोन, आइजी व डीआइजी रेंज तथा एसएसपी व एसपी को गंभीर घटनाओं में की जा रही कार्रवाई की मानीटरिंग बढ़ाने का निर्देश दिया है।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा है कि घटनास्थल के निरीक्षण के तत्काल बाद ही विवेचना की रूपरेखा तैयार कर आगे की कार्रवाई की जाए। विशेष अपराधों की विवेचना में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया जाए और समय रहते वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जाएं। डीजीपी ने खासकर गवाहों की सुरक्षा को लेकर पूरी मुस्तैदी बरते जाने का निर्देश दिया है, जिससे भयमुक्त होकर गवाह अपना साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा जरूरी है और इसमें कहीं कोई लापरवाही न बरती जाए। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों में अपराध से पीड़ित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति योजना का पूरा लाभ दिलाए जाने तथा जिलों में लंबित जन शिकायतों का त्वरित निस्तारण कराने का भी निर्देश दिया है।