Police का एक मैसेज बढ़ा रहा दिलों की धड़कन, जानिए क्या है मामला Lucknow News
पीड़ितों के बजाय सीसीटीएनएस से अंजान लोगों को एफआइआर से संबंधित पहुंच रहा मैसेज।
लखनऊ [ज्ञान बिहारी मिश्र]। मोबाइल फोन पर अचानक आने वाला हर मैसेज सुखद नहीं होता। कुछ मैसेज दिल की धड़कन भी बढ़ा देते हैं। खासकर तब जब मैसेज पुलिस की तरफ से आया हो। राजधानी में पुलिस के सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) विभाग से लोगों को एफआइआर से संबंधित मैसेज प्राप्त हो रहे हैं।
यह मैसेज उन लोगों को भेजा जा रहा है, जिन्होंने कोई एफआइआर ही नहीं दर्ज कराई। लिहाजा, लोगों की धड़कनें बढ़ जा रही हैं और वह संबंधित थाने का चक्कर लगाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। दरअसल, रवींद्रपल्ली इंदिरानगर निवासी गुड्डू मिश्र के मोबाइल फोन पर सोमवार को यूपी पुलिस की तरफ एक मैसेज भेजा गया।
मैसेज में लिखा था कि आपकी एफआइआर संख्या 147/2019 को पुन: जांच के लिए आदेशित किया गया है। नए जांच अधिकारी का नाम बृजेश सिंह है। यह मैसेज मिलने के बाद गुड्डू परेशान हो गए। उन्होंने लोगों से जानकारी की, लेकिन मैसेज में थाने का नाम अंकित नहीं होने के कारण उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। गुड्डू ने बताया कि इसके पहले भी 21 सितंबर को उनके मोबाइल नंबर पर पीजीआइ थाने से संबंधित एक एफआइआर में फाइनल रिपोर्ट लगने की जानकारी भेजी गई थी, जिसके बारे में उन्हें कुछ पता ही नहीं। गुड्डू का कहना है कि उन्होंने कोई रिपोर्ट ही नहीं दर्ज कराई है तो फिर ऐसे मैसेज उन्हें क्यों प्राप्त हो रहे हैं।
मानवीय भूल या लापरवाही
यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इस समस्या से कई लोग परेशान हैं। बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह मानवीय भूल है या फिर लापरवाही? नियम के मुताबिक तहरीर में जो नंबर पीड़ित दर्ज करते हैं, वही एफआइआर में अंकित की जाती है। ऐसे में सीसीटीएनएस में तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक कई बार जल्दबाजी में पीड़ित भी गलत नंबर लिख देते हैं। पुलिसकर्मियों को इसके प्रति गंभीरता बरतने के लिए कहा जाएगा।