COVID-19 Status in Lucknow: इंटरनेट मीडिया पर मदद की पुकार, मौत और चारों ओर अव्यवस्था का शोर
इंटरनेट मीडिया पर इस समय कोरोना महामारी हावी है। हर तरफ लोग या तो मदद की गुहार लगा रहे हैं या तो फिर एकदूसरे की सहायता के लिए आगे बढ़ रहे हैं। खास बात यह है कि घर में बैठकर लोग एकदूसरे की मदद के लिए आवाज उठा रहे हैं।
लखनऊ [ज्ञान बिहारी मिश्र]। केस एक - आनंद पुरम विकासनगर निवासी वीके श्रीवास्तव कोरोना संक्रमित थे। उन्होंने ट्वीटर के माध्यम से ऑक्सिजन लेवल गिरने के कारण अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगाई। इंटरनेट मीडिया पर उनका मैसेज वायरल हुआ। प्रशासन ने इसका संज्ञान भी लिया। हालांकि उन्हें समय से मदद नहीं मिली और उन्होंने शनिवार को दम तोड़ दिया। केस दो - कोविड काल मे लोगों तक खाना पहुचाने और उनकी मदद करने के लिए हमेशा टॉपर रहने वाले रितेश कोरोना संक्रमित हो गए। अचानक उनका ऑक्सिजन लेवल गिरने लगा। इंटरनेट मीडिया पर गुहार लगाई गई। अधिकारियों ने प्रकरण का संज्ञान लिया, जिसके बाद फौरन रितेश को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।
ये दो मामले महज उदाहरण हैं। इंटरनेट मीडिया पर इस समय कोरोना महामारी हावी है। हर तरफ लोग या तो मदद की गुहार लगा रहे हैं या तो फिर एकदूसरे की सहायता के लिए आगे बढ़ रहे हैं। खास बात यह है कि घर में बैठकर लोग एकदूसरे की मदद के लिए आवाज उठा रहे हैं। कोई खुद संक्रमित है। घर में आइसोलेट है, लेकिन वह दूसरे मरीज का दर्द दूर करने का हर संभव प्रयास कर रहा है। यही नहीं, संक्रमित मरीज भी खुद इंटरनेट मीडिया के माध्यम से शासन, सत्ता और प्रशासनिक अधिकारियों तक अपनी पीड़ा पहुंचा रहे हैं। इसके जरिए लोगों को मदद पहुँच रही है। हालांकि कई मामलों में उचित और समय पर मरीजों को सहायता नहीं पहुंच रही है, जिसके कारण इंटरनेट मीडिया पर शोर तेज हो जा रहा है। फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर व इंस्टाग्राम समेत अन्य प्लेटफार्म पर कोरोना के मामले ही नजर आ रहे हैं। ज्यादातर लोग एम्बुलेंस, ऑक्सिजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन और अस्पताल में बेड की मांग कर रहे हैं। अलग अलग शहरों में बैठे लोग राजधानी में अपने परिचितों के लिए समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं।
स्पष्ट है इंटरनेट मीडिया दो धारी तलवार है। अगर इसे सार्थक दिशा में लेकर बढ़ा जाए तो यह क्रांति बनकर सामने आती है। हालांकि इसका दुरुपयोग हो तो यह निराशा, नकारात्मकता और भेड़ चाल बन जाती है। वर्तमान में हर कोई कोरोना संक्रमण से लड़ रहा है। इंटरनेट मीडिया भी इससे अछूता नहीं है। इंटरनेट मीडिया पर हर तरफ लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। यहां कुछ पढ़ने को मिल रहा है तो वह है अपनों को खोने का दर्द, अव्यवस्था का शोर और जिम्मेदारों से पूछे जा रहे अनगिनत सवाल।