COVID-19 Vaccination in UP: कम टीकाकरण ने बढ़ाई चिंता, अब यूपी के इन फिसड्डी जिलों पर नजर
COVID-19 Vaccination in UP प्रदेश में आठ लाख फ्रंटलाइन वर्करों में से अब तक 4.81 लाख को वैक्सीन लगवाने के लिए बुलाया जा चुका जिसमें से 2.5 लाख ने ही अब तक टीका लगवाया है। 1.81 लाख हेल्थ वर्करों ने नहीं लगवाई वैक्सीन। फ्रंटलाइन वर्कर भी नहीं दिखा रहे दिलचस्पी।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। प्रदेश में नौ लाख स्वास्थ्य कर्मियों में से 1.81 लाख ने कई बार बुलाए जाने और मॉपअप राउंड चलाए जाने के बाद भी कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई है। अब फिर इन डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को 19 फरवरी को टीका लगाने के लिए आमंत्रित किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की नजर खास तौर पर उन जिलों पर है, जहां बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी टीका लगवाने नहीं पहुंचे हैं। आजमगढ़, नोएडा और बुलंदशहर जैसे जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर टीकाकरण बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 16 जनवरी से पांच फरवरी के बीच छह दिन टीकाकरण अभियान चलाया गया। फिर बीते सोमवार को मॉपअप राउंड में छूटे हुए स्वास्थ्य कर्मियों को आमंत्रित किया गया, लेकिन टीकाकरण केंद्र तक काफी कम हेल्थ वर्कर पहुंचे।
अभी नोएडा में करीब नौ हजार, आगरा में सात हजार, गाजियाबाद में छह हजार, बुलंदशहर व आजमगढ़ में पांच-पांच हजार, गोरखपुर में साढ़े चार हजार, गाजीपुर में चार हजार, कुशीनगर में ढाई हजार से अधिक और प्रतापगढ़ में दो हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है। इसके अलावा कई अन्य जिलों में भी हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंचे हैं। अब सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में छूटे हुए इन स्वास्थ्य कर्मियों को फिर से टीका लगवाने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
फ्रंटलाइन वर्कर भी नहीं दिखा रहे दिलचस्पी: प्रदेश में आठ लाख फ्रंटलाइन वर्करों में से अब तक 4.81 लाख को वैक्सीन लगवाने के लिए बुलाया जा चुका है, जिसमें से 2.5 लाख ने ही अब तक टीका लगवाया है। पांच, 11 व 12 फरवरी को उन्हें बुलाया गया था। अब 18 फरवरी को फिर फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई जाएगी।