COVID-19 Vaccination in UP: अब एसिड अटैक पीड़ितों और दिव्यांगों को भी लगेगी वैक्सीन
COVID-19 Vaccination in UP सिर्फ सर्टिफिकेट दिखाकर किसी भी अस्पताल में या आनलाइन करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन। पहले सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों फ्रंटलाइन वर्करों 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 से 59 वर्ष तक के असाध्य रोगियों का ही वैक्सीनेशन किया जा रहा था।
लखनऊ [धर्मेंद्र मिश्रा]। COVID-19 Vaccination in UP: कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब दिव्यांगों और एसिड अटैक पीड़ितों को भी वैक्सीन देने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत हाई डिपेंडेंट दिव्यांगजन और ऐसे एसिड अटैक के पीड़तों, जिनकी सांस नली इत्यादि क्षतिग्रस्त हो गई हो, उन्हें वैक्सीन दी जाएगी। अभी तक यह सभी कोविड-19 वैक्सीनेशन से वंचित चल रहे थे। मगर, अब सरकार की नजरें इनकी ओर भी इनायत हुई हैं।
इसके अतिरिक्त अब मानसिक रोग पीड़ितों, नेत्रहीनों और बधिरों को भी कोविड-19 वैक्सीन लगाने का निर्देश जारी हुआ है। यह सभी लोग अपना दिव्यांग सर्टिफिकेट दिखाकर कोविन पोर्टल पर, आरोग्य सेतु एप पर या फिर किसी कॉमन सर्विस सेंटर में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यह लोग यदि आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने में समर्थ नहीं हैं, किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में जाकर आसानी से काउंटर पर पंजीकरण कराने के बाद वैक्सीन लगवा सकेंगे।
अभी तक इनका ही हो रहा था वैक्सीनेशन: पहले सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों, 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 से 59 वर्ष तक के असाध्य रोगियों का ही वैक्सीनेशन किया जा रहा था। मगर, अब वैक्सीनेशन में दायरा बढ़ाए जाने से नेत्रहीन, बधिर, मानसिक रूप से दिव्यांग और एसिड अटैक पीडि़त भी वैक्सीन लगवा सकेंगे।
दिव्यांगों को टीका लगना बहुत जरूरी : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से कोविड-19 वैक्सीनेशन के ब्रांड एंबेसडर बनाए गए डा. सूर्यकांत त्रिपाठी कहते हैं कि ऐसे दिव्यांगों का टीकाकरण बहुत जरूरी था। अन्यथा कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत चेन नहीं बन पाती और दोबारा यह संक्रमण फैल सकता था। सरकार ने जो कदम उठाया है, वह स्वागतयोग्य है। इससे दिव्यांग भी कोरोना के खिलाफ खुद को सुरक्षित और मजबूत बना सकेंगे।
अब बीस गंभीर बीमारियों के मरीजों को लगेगी वैक्सीन: जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एमके सिंह कहते हैं कि केंद्र सरकार ने पहले सिर्फ पांच गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को ही वैक्सीन देने का एलान किया था, लेकिन अब यह संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई है। इससे ज्यादातर असाध्य रोगी वैक्सीनेशन अभियान में कवर हो रहे हैं।