Covid 19 Vaccination in UP: मैसेज नहीं आने पर भी जिले के किसी भी केंद्र पर लगवा सकेंगे वैक्सीन, स्थानांतरण होने पर भी मिलेगी इंटरपोर्टेबिलिटी वैक्सीनेशन सुविधा
उत्तर प्रदेश में फ्रंटलाइन वर्कस को मैसेज नहीं आने पर भी लाभार्थी अपने जिले के किसी भी वैक्सीनेशन केंद्र पर अपना मोबाइल नंबर बता कर वैक्सीन लगवा सकेंगे। उन्हें इंटरपोर्टीबिलिटी वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाएगी। स्थानांतरण में भी ये सुविधा दी जाएगी।
लखनऊ, जेएनएन। अब मैसेज नहीं आने पर भी लाभार्थी अपने जिले के किसी भी वैक्सीनेशन केंद्र पर अपना मोबाइल नंबर बता कर वैक्सीन लगवा सकेंगे। वहीं, जिन स्वास्थ्यकर्मियों का वैक्सीनेशन के दौरान किसी दूसरे जिले में स्थानांतरण हो गया है अथवा बाद में होता है। उन्हें इंटरपोर्टीबिलिटी वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाएगी। यह बातें सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से बुधवार को आयोजित दैनिक जागरण चौराहा स्थित एक होटल में राज्य स्तरीय मीडिया कार्यशाला के दौरान राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजय घई ने बताई।
उन्होंने कहा कि भारत में बनी वैक्सीन इतनी सुरक्षित व कारगर है कि इसकी मांग लगातार पूरी दुनिया में हो रही है। वहीं, प्रदेश में टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने के लिए एक खास रणनीति पर भी कार्य हो रहा है। वैक्सीनेशन के लिए पात्र लोगों को कोविन कंट्रोल रूम से मैसेज भेजा जाएगा। वहीं, टीका लगने के बाद यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव दिखता है तो कोविन कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर 05498-220827 या प्रदेश हेल्प लाइन नंबर 104 पर संपर्क कर सकते हैं। वहीं, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ पीजीआइ डा. पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि अन्य देशों में हर तीन संक्रमित बच्चों में से एक को आइसीयू की जरूरत पड़ रही है। अपने यहां ऐसा नहीं है।
इस मौके पर केजीएमयू के रेस्पेरेट्री मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकांत ने बताया कि इस टीकाकरण के बाद सामान्य तौर पर थकान, बुखार आना कोई साइड इफेक्ट नहीं है, बल्कि यह उसके प्रभाव को दिखाता है। इस दौरान यूएनडीपी डा. अहमद अब्बास आगा और यूनिसेफ के डा. प्रफुल भारद्वाज ने टीकाकरण पर सवालों के जवाब दिए।