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Lucknow COVID-19 News: आरटीपीसीआर जांच में देरी से खतरनाक हो रहा संक्रमण, लखनऊ में हफ्ते भर बाद आ रही रिपोर्ट

प्रशासन के दावे तो बारह घंटे में रिपोर्ट देने के थे लेकिन अब भी इसमें दो से तीन दिन लग रहे हैं। सरकारी ही नहीं प्राइवेट लैब का भी यही हाल है। यहां पर भी कम से कम चौबीस घंटे रिपोर्ट मिलने में लग रहे हैं।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 02:08 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 05:58 PM (IST)
Lucknow COVID-19 News: आरटीपीसीआर जांच में देरी से खतरनाक हो रहा संक्रमण, लखनऊ में हफ्ते भर बाद आ रही रिपोर्ट
लखनऊ में निजी व सरकारी लैब से भी दो पांच दिन में मिल रही रही कोविड रिपोर्ट।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना मरीजों की जांच रिपोर्ट में दो से तीन दिन और कहीं-कहीं तो इससे भी अधिक समय लग रहा है, जो मरीजों के इलाज में घातक बन रहा है। रिपोर्ट के इंतजार में कई मरीज इलाज शुरू नहीं कर पाते हैं। इसके चलते कोरोना उनके लिएजानलेवा साबित हो रहा है।

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राजधानी में प्रशासन के दावे तो बारह घंटे में रिपोर्ट देने के थे, लेकिन अब भी इसमें दो से तीन दिन लग रहे हैं। सरकारी ही नहीं, प्राइवेट लैब का भी यही हाल है। यहां पर भी कम से कम चौबीस घंटे रिपोर्ट मिलने में लग रहे हैं। दरअसल, मरीजों को रिपोर्ट में देरी की वजह से उनके इलाज और भर्ती की पूरी प्रक्रिया में विलंब हो रहा है। इस कारण पर्याप्त इलाज न मिलने से मरीज गंभीर हालत में पहुंच रहे हैं। वहीं, दूसरों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। निजी लैब संचालकों का कहना है कि इससे कम समय में हम रिपोर्ट नहीं दे सकते।

डा. आरएमएल मेहरोत्रा पैथोलाजी के निदेशक डा. वंदना मेहरोत्रा ने बताया कि हमारे यहां क्षमता से ज्यादा जांच की जा रही है। बावजूद हम चौबीस घंटे में आरटीपीसीआर की रिपोर्ट दे रहे हैं। हम उतने ही नमूने लेते हैं, जितने की रिपोर्ट चौबीस घंटे में दे सकें। इसलिए ज्यादा नमूने नहीं ले रहे हैं, ताकि दिक्कत न हो। कोशिश है कि चौबीस घंटे में रिपोर्ट तैयार हो जाए।

चंदन अस्पताल के एमडी डा. फारूक अंसारी ने बताया कि हमारे यहां भी चौबीस घंटे में आरटीपीसीआर की रिपोर्ट दी जा रही है। हमारे पास बड़ी संख्या में लोग जांच कराने आ रहे हैं, लेकिन सिर्फ उतने लोगों के ही नमूने रोजाना लिए जाते हैं, जितने की रिपोर्ट हम तैयार कर सकें। चौबीस घंटे से ज्यादा विलंब किसी को भी रिपोर्ट देने में नहीं हो रहा है।

लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डा. श्रीकेश सिंह ने बताया कि हमारे यहां केवल उन लोगों की जांच की जा रही है, जो भर्ती होने आ रहे हैं। इसके अलावा तीमारदारों की जांच हो रही है। इसकी रिपोर्ट बारह घंटे में दी जा रही है। बाहरी जांच नहीं की जा रही है।


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