भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व प्रमुख सचिव सिंचाई समेत नौ तलब
आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2008-2009 में सिंचाई विभाग में 282 कनिष्क लिपिकों के चयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं अनियमितताएं हुई थीं।
लखनऊ, जेएनएन। कनिष्क लिपिक भर्ती प्रक्रिया 2008-2009 में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के आरोप में सीजेएम आनन्द प्रकाश सिंह ने तत्कालीन प्रमुख सचिव सिंचाई दीपक सिंघल सहित नौ लोगों को बतौर अभियुक्त 16 मार्च को अदालत में तलब किया है।
धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए अदालत में यह परिवाद वादिनी इन्दू यादव ने दायर किया है। जिसमें पूर्व प्रमुख सचिव दीपक सिंघल, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन अवध नरेश गुप्ता, श्याम मोहन उपाध्याय, अंजनी पांडेय, महाराजदीन चौधरी, राजेश कुमार वरिष्ठ सहायक, फहीम अहमद खां एवं राजेश कुमार कनिष्क सहायक को आरोपी बनाया गया है। अदालत के समक्ष दाखिल परिवाद में आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2008-2009 में सिंचाई विभाग में 282 कनिष्क लिपिकों के चयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं अनियमितताएं हुई थीं। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री से 18 अप्रैल 2012 को की गई थी।
जांच रिपोर्ट में सही पाए गए थे आरोप
कहा गया है कि शिकायत पर विभागीय जांच के लिए अवध नरेश गुप्ता को जांच अधिकारी बनाया गया। जिन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेजी। जिसमें आरोप सही पाए गए। इस जांच रिपोर्ट के अनुसार अजीत कुमार श्रीवास्तव, सर्वेश कुमार सक्सेना एवं विनोद उपाध्याय जो टंकड़ परीक्षा में अनुत्तीर्ण पाए गए। बावजूद कनिष्क लिपिक के पद पर उनका चयन कर दिया है। जबकि वादिनी को अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया। कहा गया है कि सुधीर चन्द एवं अनिल कटियार के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।