लखीमपुर खीरी हिंसा मामला : आशीष मिश्र की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर करने से पहले कोर्ट ने लगाई तीन शर्तें
लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपित केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के पुत्र आशीष मिश्र की तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली गई है। आशीष मिश्र 12 अक्टूबर सुबह दस बजे से 15 अक्टूबर सुबह दस बजे तक पुलिस कस्टडी में रहेगा।
लखीमपुर, जेएनएन। लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपित केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के पुत्र आशीष मिश्र की तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली गई है। आशीष मिश्र 12 अक्टूबर सुबह दस बजे से 15 अक्टूबर सुबह दस बजे तक पुलिस कस्टडी में रहेगा। गुरुवार को दोपहर में अभियोजन पक्ष की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के दो घंटे बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फैसला सुनाया। तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान मामले एसआइटी की टीम आशीष मिश्र से घटना की बाबत पूछताछ करेगी और घटना से संबंधित साक्ष्य संकलन भी करेगी। हालांकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर करने से पहले कुछ शर्तें भी लगाई हैं।
लखीमपुर हिंसा कांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्र की तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर दी गई। सीजेएम ने रिमांड मंजूर करते हुए तीन शर्तें भी लगाई हैं। 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से 15 अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक आशीष मिश्र पुलिस पुलिस कस्टडी में रहेंगे। रिमांड के दौरान आशीष को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। तीन दिनों की रिमांड के दौरान आरोपित के साथ विवेचना में हस्तक्षेप किए बिना उचित दूरी पर अधिवक्ता साथ में रह सकेंगे। जेल से रिमांड पर लेने के बाद व रिमांड पूरी होने पर जेल में दाखिल करने से पहले आरोपित आशीष मिश्र का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। मजिस्ट्रेट ने कहा कि इसकी जेल अधीक्षक लखीमपुर खीरी व विवेचक को एक-एक प्रति भेज दी जाए।
तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्र समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना तिकुनिया में बलवा, दुर्घटना में मौत व हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। शनिवार को आशीष मिश्र से पूछताछ के बाद एसआइटी ने गिरफ्तार कर लिया, फिर कोर्ट ने उसको जेल भेज दिया था। अभियोजन की ओर से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने आशीष मिश्र को 14 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड में लेने के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई नियत की गई थी।
सीजेएम चिंताराम की अदालत में 2:08 बजे दोनों पक्ष के अधिवक्ता कोर्ट में बहस के लिए पहुंच गए। आशीष मिश्र की कोर्ट में हाजिरी के लिए वीसीआर से जोड़ा गया, लेकिन टेक्निकल खराबी के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। सीजेएम कोर्ट से उठकर चैंबर में चले गए। 2:27 बजे कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। सीजेएम ने सबसे पहले वीसीआर पर आशीष मिश्र से नाम पूछा। इसके बाद अधिवक्ताओं से खचाखच भरी सीजेएम अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर पुलिस कस्टडी रिमांड पर वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि पूछताछ के दौरान आशीष मिश्र ने केवल 40 सवालों के जवाब दिए। घटना से संबंधित कुछ साक्ष्य संकलन किए जाने के लिए आशीष मिश्र का 14 दिनों का पुलिस कस्टडी रिमांड दिया जाना न्यायहित में जरूरी है और कोर्ट से रिमांड दिए जाने की याचना की।
आरोपित के अधिवक्ता अवधेश कुमार दुबे, अवधेश कुमार सिंह रिमांड अर्जी का विरोध करते हुए बहस के दौरान बताया कि आरोपित आशीष मिश्र से एसआइटी ने 12 घंटे लगातार पूछताछ की और इस दौरान उसने सभी सवालों का जवाब दिया और विवेचना में पूरा सहयोग दिया। अभियोजन पक्ष को कोई साक्ष्य संकलन नहीं करना है, केवल आशीष मिश्र को प्रताड़ित करने के लिए रिमांड मांगा जा रहा है। अभियोजन पक्ष की रिमांड अर्जी में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया कि आशीष मिश्र से क्या पूछताछ करनी है और कौन सा साक्ष्य संकलन करना है। लगभग आधा घंटे तक दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सीजेएम ने आदेश सुरक्षित कर लिया। लगभग साढ़े चार बजे के करीब सीजेएम ने आशीष मिश्र को तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड में दिए जाने का फैसला सुनाया। आदेश की जानकारी होते ही कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई।
आशीष समेत 20 लोगों पर दर्ज है मुकदमा : तीन अक्टूबर को लखीमपुर में तिकुनिया क्षेत्र में हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसमें चार किसानों की मौत पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्र समेत 20 अज्ञातों के खिलाफ थाना तिकुनिया में बलवा, दुर्घटना में मौत व हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। शनिवार की देर रात उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
आशीष की रायफल भी कब्जे में ली एसआइटी ने : शनिवार की पूछताछ में एसआइटी ने आशीष से पूछा था कि क्या उसके पास कोई शस्त्र लाइसेंस है? इस पर आशीष ने कहा था कि हां, रायफल है। इसके बाद पुलिस ने उसकी रायफल भी मंगवाई और उसे कब्जे में ले लिया। माना जा रहा है कि जिस थार जीप से किसानों को रौंदा गया उसमें दो 315 बोर के कारतूस भी मिले थे। अब पुलिस बैलेस्टिक रिपोर्ट से पता कराएगी कि वहां जो फायरिंग किए जाने की बात सामने आ रही थी तो क्या वह गोलियां कहीं इसी रायफल से तो नहीं चलीं।