Religion Conversion Case in UP: मतांतरण के आरोपितों पर राजद्रोह की साजिश की भी लगी धारा
विशेष अदालत में एटीएस का कहना था कि इस वृहद आपराधिक साजिश में शामिल मुल्जिमों के गिरोह का कार्य सिर्फ मतांतरण तक सीमित नहीं है। बल्कि यह गिरोह मतांतरण के जरिए जनसंख्या संतुलन बदलकर देश की एकता अखंडता और सम्प्रभुता को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है।
लखनऊ, विधि संवाददाता। मतांतरण मामले में जेल में बंद मुल्जिम मो. उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, प्रसाद रामेश्वर कांवरे, भूप्रिय ङ्क्षवदो उर्फ अर्सलान, कौसर आलम व डा. फराज बाबूल्लाह शाह के खिलाफ एटीएस ने आइपीसी की धारा 121ए व 123 में भी न्यायिक रिमांड हासिल किया। इससे पहले इन मुल्जिमों को आइपीसी की धारा 417, 120बी, 153ए, 153बी, 295ए व धारा 298 के साथ ही उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धारा 3/5/8 में न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
बुधवार को विशेष अदालत में एटीएस का कहना था कि इस वृहद आपराधिक साजिश में शामिल मुल्जिमों के गिरोह का कार्य सिर्फ मतांतरण तक सीमित नहीं है। बल्कि यह गिरोह मतांतरण के जरिए जनसंख्या संतुलन बदलकर विभिन्न धार्मिक वर्गों के बीच वैमनष्य पैदा कर देश की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। इस गिरोह का विशिष्ट उद्देश्य धर्म विशेष की जनसंख्या को बढ़ाकर संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत वर्तमान निर्वाचित सरकार को हटाकर इस्लामिक राज्य स्थापित करना है। इस मामले की अब तक की विवेचना एवं साक्ष्य से इन मुल्जिमो के खिलाफ आइपीसी की धारा 121ए व 123 का अपराध कारित होना पाया गया है। लिहाजा इन्हें जेल से तलब कर उक्त धाराओं में भी इनका रिमांड मंजूर किया जाए।
अदालत में यह अर्जी एटीएस के डिप्टी एसपी मोहन प्रसाद वर्मा की ओर से दाखिल की गई थी। एनआइए/एटीएस के विशेष जज योगेंद्र राम गुप्ता ने इस कथन वाली अर्जी को मंजूर करते हुए सभी मुल्जिमों को 14 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस दौरान ये सभी मुल्जिम जेल से अदालत में हाजिर थे। 20 जून, 2021 को इस मामले की एफआइआर दारोगा विनोद कुमार ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी। इसके बाद इस मामले में 10 मुल्जिमों को देश के विभिन्न इलाको से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया।