Coronavirus Update : मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच अब कोविड-19 के वेस्ट का निस्तारण बना चुनौती
Coronavirus Update उत्तर प्रदेश में कोविड-19 का जो कचरा पहले प्रतिदिन चार टन निकलता था वह अब अब 19 टन प्रतिदिन निकल रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मरीजों के साथ कोविड-19 का बढ़ता वेस्ट (कचरा) भी नई चुनौती बन रहा है। कोविड-19 का जो कचरा पहले प्रतिदिन चार टन निकलता था, वह अब अब 19 टन प्रतिदिन निकल रहा है। इस वेस्ट के निस्तारण की उचित व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब मुख्य पर्यावरण अधिकारी के संयोजन में तीन सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति कोविड-19 कचरा के समुचित निस्तारण की संभावनाएं तलाश करेगी।
अस्पताली कचरे के निस्तारण के लिए उत्तर प्रदेश में 18 कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी (सीबीडब्ल्यूटीएफ) हैं। इनकी कुल क्षमता 51.2 टन प्रतिदिन की है। इनमें प्रदेश भर के अस्पतालों व नर्सिंग होम का कचरा निस्तारित किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के अधिकतर अस्पतालों में ओपीडी नहीं चल रही हैं। ऐसे में अब प्रतिदिन केवल 18 टन कचरा ही निकल रहा है। इसलिए अभी तो काम चल जा रहा है, लेकिन जैसे ही अस्पताल व नर्सिंग होम पूरी क्षमता से चलने लगेंगे तो यह मात्रा बढ़ जाएगी। ऐसे में कोविड-19 संक्रमित मरीजों का कचरा प्रदेश में मुसीबत बन सकता है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। बोर्ड ने मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त-6 एके तिवारी के संयोजन में समिति गठित की है। इसमें महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य बनाए गए हैं। यह समिति कानपुर देहात में स्थित मेसर्स ऑयल एंड वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड व मेसर्स यूपी वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट का निरीक्षण कर एक्शन प्लान तैयार करेगी। यह दोनों प्लांट हैजड्र्स वेस्ट निस्तारित करते हैं। समिति को एक सप्ताह में अपनी विस्तृत रिपोर्ट देनी है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए हैजड्र्स वेस्ट के निस्तारण के लिए स्थापित इंसीनिरेटर का उपयोग कोविड-19 वेस्ट के निस्तारण के लिए करने की तैयारी है। इसके उपाय करने के लिए समिति बना दी गई है। समिति यह भी देखेगी कि कोविड-19 वेस्ट के निस्तारण के दौरान जनित लिक्विड वेस्ट के समुचित शुद्धिकरण की क्या व्यवस्था है। यदि नहीं है तो वहां क्या व्यवस्थाएं की जा सकती हैं। समिति की रिपोर्ट आने पर बोर्ड इसी मुताबिक कार्रवाई करेगा।