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CoronaVirus: मजबूत इम्युनिटी तथा इच्छा शक्ति से आसान बन जाएगी कोरोना वायरस संक्रमण से जंग

CoronaVirus शरीर की इम्युनिटी तथा इच्छा शक्ति को मजबूत करके कोविड-19 से जंग को लड़ने के साथ जीता जा सकता है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 02:47 PM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 02:58 PM (IST)
CoronaVirus: मजबूत इम्युनिटी तथा इच्छा शक्ति से आसान बन जाएगी कोरोना वायरस संक्रमण से जंग
CoronaVirus: मजबूत इम्युनिटी तथा इच्छा शक्ति से आसान बन जाएगी कोरोना वायरस संक्रमण से जंग

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच अभी तक कोई भी वैक्सीन विकसित न होने के साथ ही लगातार बढ़ते संक्रमितों से विश्व परेशान है। चिकित्सा की हर विधि में इससे निपटने के तरीके खोजे जा रहे हैं। एलोपैथ के साथ होम्योपैथ तथा आयुर्वेद के धुरंधर भी इसकी तोड़ खोजने में लगे हैं, इसके बीच फिलहाल एक बड़ा उपाय सभी के सामने आया है। शरीर की इम्युनिटी तथा इच्छा शक्ति को मजबूत करके कोविड-19 से जंग को लड़ने के साथ जीता जा सकता है।

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कोरोना वायरस आसानी से पीछा छोड़ने वाला नहीं है, ऐसे में शरीर को मजबूत करके इसके लंबी लड़ाई लड़ी जा सकती है। एंटीबॉडी से इसकी लंबी लड़ाई चलती है। ऐसे में इम्युनिटी ढाल बनती है और हमारी मजबूत इच्छा शक्ति संघर्ष करती है। विश्व में इन दिनों बड़ी संख्या में लोग कोरोना वायरस से संक्रमण से उबर भी रहे हैं। कोरोना के संक्रमण की तुलना में मौत के आंकड़े कम हैं। ऐसा संभव है मजबूत इम्युनिटी तथा इच्छा शक्ति से।

वायरस का हमला

माना जा रहा है कि कोरोना वायरस शरीर में गले से प्रवेश करने के बाद फेफड़े में और पिर फेफड़े में एक कोशिका के अंदर घुसने के बाद उन पर कब्जा कर लेता है। फेफड़े में इपिथियन टिशू पर कब्जा करने के बाद शरीर पर उसका नियंत्रण हो जाता है। वह अलग अलग कोशिकाओं को अंदर घुसकर उन्हेंं खत्म करना शुरू कर देता है। फेफड़ों में बहुत सारे वायरस होने के कारण इंसान लगातार कमजोर होता जाता है। वह मौत के करीब पहुंचने लगता है। इसी अवसर पर शरीर की इम्युनिटी का काम शुरू होता है। हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम हमारा बॉडीगार्ड होता है। यह हमारे शरीर पर हमला करने वाले वायरस व बैक्टीरिया का प्रतिरोध करता है। मजबूत इम्यून सिस्टम से ही हम कई बीमारियों से जंग लड़ सकते हैं। इम्यून सिस्टम हमारे शरीर में एंटीबॉडी के रूप में एक बड़ा सुरक्षा कवच (एंटीबॉडी) तैयार करता है। यह सुरक्षा कवच हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के साथ समस-समय पर वायरस पर हमला भी करता है।

एंटीबॉडी

एंटीबाडी यानी हमारे शरीर में बाहर से हमला करने वालों को रोकने की फ्रंट लाइन है। यह हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम परखने के साथ वायरस के हमले को भी रोकता है। अगर शरीर पर वायरस हमला कर चुका है तो उसकी एंटीबाडी रचना पहले से मेमोरी में होगी और उसे तुरत वायरस को मारने के लिए भेज दिया जाता है। अगर वायरस नया है जैसा कि कोविड 19 का प्रकरण है तो इम्यून सिस्टम नये तरीके से काम करता है। यह हिट एंड ट्रायल प्रक्रिया ने शरीर कर रक्षा करता है।

सबसे पहले इम्मुनोग्लोबिन जी अपना काम करता है। इम्मुनोग्लोबिन जी शरीर की सबसे कॉमन एंटीबाडी है और ज्यादातर वायरस या अन्य बीमारी में यह काफी कारगर होता है। वायरस से मुकाबले में इम्मुनोग्लोबिन जी तो शुरूआती अटैक में ही वायरस पर काबू करने की कोशिश करती है। इस काम में इम्मुनोग्लोबिन जी को इम्मुनोग्लोबिन एम की मदद भी मिलती है। हमारे शरीर में जैसे ही कोई बाहरी वायरस आता है ,वायरस और एंटीबॉडी के बीच जंग शुरू हो जाती है। हमारे शरीर का पहला कवच यानी इम्मुनोग्लोबिन जी वायरस से लोहा लेता है। उसका प्रयास वायरस के हमले को बेअसर करने का होता है। इसके साथ ही कुछ कमजोर होने वाली सेल को भी बचाने की कोशिश करता है।

नया वायरस है कोविड-19

कोविड-19 वायरस तो नया होने नया होने के साथ ताकतवर है। अब इससे भिडऩे के लिए डाक्टर्स की टीम इसके संक्रमण से उबरे शख्स के प्लाज्मा को ही एंटीबॉडी के रूप में विकसित कर रही है। इम्मुनोग्लोबिन जी और इम्मुनोग्लोबिन एम के अलावा हमारा इम्यून सिस्टम किसी भी वायरस से लडऩे में सक्ष्म है। इसके लिए हमें इच्छा शक्ति को भी काफी मजबूत करना होगा। जिससे कि हमारे सेल्स भी इस लड़ाई में इम्यून सिस्टम की मदद करें। सेल्स जब मजबूत होंगे तो पहले दौर में वायरस से लंबा मुकाबला करेंगे।

हेल्पर सेल्स की मदद करने वालों में किलर टी सेल्स भी हैं। यह आत्मघाती हमला करते हैं जिससे वायरस अपने आप को कमजोर महसूस करता है। इसके बाद वायरस लंबे समय तक इनसे ही भिड़ता रहता है। जितना युद्ध लम्बा खिंचता जाता है उतनी ही मात्रा में बी और दोनों टाइप के टी सेल्स की मात्रा खून में बढ़ती जाती है। वायरस इम्यून सेल्स को इन्फेक्ट करता रहता है और अपने जाल में फंसाने की कोशीश करता रहता है। इसी बीच इम्मुनोग्लोबिन जी और एम मिल कर वायरस से भिड़ जाते हैं।

कोविड-19 में मामला अलग

कोविड-19 में बॉडी और एंटीबॉडी के बीच लड़ाई लंबी होती है इसी कारण बीमार या वृद्ध व्यक्ति इसका मुकाबला लंबे समय तक नही कर पाता और उसके मृत्यु के चांसेस बढ़ जाते है। स्वस्थ इंसान में इम्युनिटी सिस्टम काफी स्ट्रांग होता इसलिए एंटीबाडी के सामने वायरस का टिके रहने थोड़ा नामुमकिन होता है। कोविड-19 वायरस के केस में इंसान को घरों में बंद रह कर ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए, और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करते हुए पोषक आहार लेना चाहिए। जिससे कि आपके बॉडी का सेनापति आपके लिए ढाल की तरह बना रहे। आपके शरीर का एंटीबाडी सेना बन कर बाहरी ताकत के साथ अच्छे से लड़ सके और युद्ध के अलावा बाकी चीजों का तनाव ना ले।

इम्युनिटी की जीत

एंटीबॉडी अपने इम्यून सिस्टम के सपोर्ट से वायरस पर जैसे ही जीत हासिल करता है आपकी सांसे और और बॉडी सिस्टम फिर धीरे-धीरे नार्मल होने लगता है। वायरस पर एंटीीबाडी के इस जीत के बाद जश्न भी होता है। इस समय आपके खून में बी और टी सेल्स भारी मात्रा में होते हैं। जीत के साथ ही इम्यून सिस्टम की मेमोरी में दर्ज हो जाता है। कोविड-19 की लड़ाई में प्लाज्मा थरेपी की यही सफलता है और कोरोना संक्रमित ठीक होने लगता है।

प्लाजमा थेरेपी कारगर

प्लाजमा थेरेपी बॉडी, एंटीबॉडी और इम्युनिटी सिस्टम से ही काम करता है। संक्रमित के ठीक होने के बाद उनके खून के प्लाज्मा से एंटीबाडी सेल्स निकाले जाते हैं। इम्युनिटी सिस्टम एंटीबॉडी को जरूरत के हिसाब से वायरस को मारने के लिए एंटीबॉडी सेल्स तैयार करता है। कोरोना की इस लड़ाई में आप डरिये और घबराइए मत मजबूती के साथ डटे रहिए। आपकी जीत तय है। 


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