Coronavirus News Update : उत्तर प्रदेश के 26 जिलों में 40 से कम कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस
Coronavirus News Update उत्तर प्रदेश में कोरोना के नए मरीज मिल तो रहे हैं लेकिन स्वस्थ होने वालों की रफ्तार भी ठीक है। इसीलिए एक्टिव केस कम हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के 26 जिलों में कोरोना वायरस के 40 से कम एक्टिव केस हैं। सिर्फ 16 जिलों में 100 से अधिक सक्रिय केस हैं। बेहतर रिकवरी रेट और कांटैक्ट ट्रेसिंग से यहां हालात काबू में हैं। कोरोना के नए मरीज प्रदेश में मिल तो रहे हैं, लेकिन स्वस्थ होने वालों की रफ्तार भी ठीक है। इसीलिए एक्टिव केस कम हैं। कोरोना संक्रमित मिले मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की मजबूती से कांटेक्ट ट्रेसिंग कर उन्हें होम क्वारंटाइन या फिर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में अब तक 24 हजार से अधिक कोरोना वायरस से संक्रमित मिल चुके हैं और इसमें से 17 हजार से अधिक ठीक हो चुके हैं। एक्टिव केस अब 6869 हैं। प्रदेश के जिन 26 जिलों में 40 से कम एक्टिव केस हैं, उनमें ललितपुर में चार, हमीरपुर में 12, सोनभद्र में 10, महोबा में सात, कासगंज में 36, कानपुर देहात में 15, बांदा में चार, श्रावस्ती में 16, औरैया में 17, मिर्जापुर में 31, चित्रकूट में 11, भदोही में 38, बलरामपुर में 26, सीतापुर में सात, पीलीभीत में 34, कन्नौज में 33, कौशांबी में 30, फतेहपुर में 35, गोंडा में 22, लखीमपुर खीरी में 16, रायबरेली में 24, सुल्तानपुर में 38, मथुरा में चार, बहराइच में सात, अमेठी में नौ और प्रतापगढ़ में चार एक्टिव केस हैं।
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जिन 16 जिलों में 100 से अधिक सक्रिय केस हैं, उनमें 931 मामलों के साथ गाजियाबाद सबसे आगे है। इसी तरह नोएडा में 929, लखनऊ में 423, मेरठ में 273, आगरा में 117, कानपुर में 273, मुरादाबाद में 101, वाराणसी में 219,अलीगढ़ में 202, हापुड़ में 127, बुलंदशहर में 141, मथुरा में 154, गोरखपुर में 123, बरेली में 131, इटावा में 138, झांसी में 107 और चंदौली में 102 एक्टिव केस हैं। यूपी में अभी तक पौने सात लाख से अधिक लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है।
कोविड-19 के लेवल वन से लेकर लेवल थ्री तक के अस्पतालों में डेढ़ लाख बेड हैं। ई-कोविड केयर सिस्टम से सभी अस्पतालों को जोड़ा गया है और गंभीर रोगियों की जान बचाने के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों की मदद ली जा रही है। अब पूरे जुलाई पर मेडिकल स्क्रीनिंग के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया जाएगा। वहीं कोरोना संक्रमित मिले मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की मजबूती से कांटेक्ट ट्रेसिंग कर उन्हें होम क्वारंटाइन या फिर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किया जा रहा है।