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Coronavirus Lucknow News Update: कोरोना के इलाज का निजी अस्पताल जमा करा रहे एक लाख एडवांस

Coronavirus Lucknow News Update निजी लैब भी कर रहीं मनमानी अफसरों को छापामारी के निर्देश।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 08:05 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 08:05 PM (IST)
Coronavirus Lucknow News Update: कोरोना के इलाज का निजी अस्पताल जमा करा रहे एक लाख एडवांस
Coronavirus Lucknow News Update: कोरोना के इलाज का निजी अस्पताल जमा करा रहे एक लाख एडवांस

लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus Lucknow News Update: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कोरोना के इलाज के नाम पर मनमानी चल रही है। निजी कोविड अस्पताल मरीजों से एक लाख रुपये एडवांस जमा कर रहे हैं। अज्ञात व्यक्ति ने सीएमओ कार्यालय फोन कर अस्पतालों की करतूत उजागर की। साथ ही सोशल मीडिया पर भी मामला उछला। ऐसे में सीएमओ ने सभी निजी कोविड अस्पताल-लैब के निरीक्षण के आदेश दिए हैं।

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शहर में 950 के करीब रजिस्टर्ड नर्सिंग होम हैं। वहीं आठ सौ से अधिक पैथोलॉजी-डायग्नोस्टिक सेंटर हैं। इनमें 10 निजी अस्पतालों को कोविड इलाज के पैनल से जोड़ा गया। वहीं छह अस्पताल इलाज उपलब्ध भी कराने लगे हैं। रविवार को ठाकुरगंज रोड स्थित एक निजी अस्पताल का मामला सोशल मीडिया पर छा गया। इसमें सीएमओ कार्यालय में भी अज्ञात नंबर से निजी अस्पताल द्वारा कोरोना इलाज के एक मुश्त एक लाख एडवांस रुपये जमा कराए जाने की शिकायत की। ऐसे में सीएमओ डॉ. आरपी सिंह ने कोविड पैनल में शामिल निजी अस्पतालों के निरीक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक मुश्त रुपये जमा कराने का कोई प्रावधान नहीं है। महामारी में कोई भी अस्पताल जबरन वसूली में लिप्त पाया गया। उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें तय शुल्क ही लेना होगा। उधर, अस्पताल संचालक ने मरीजों से एडवांस एक लाख रुपये जमा कराने से इन्कार किया। हाल में ही फैजाबाद रोड के अस्पताल में भी एक लाख रुपये एक मुश्त जमा कराए जाने का मामला उछला था।

बेडों की एडवांस में बुकिंग

कोविड पैनल में शामिल बड़े निजी अस्पतालों में बेडों की एडवांस बुकिंग की जा रही है। आम इंसान को समय पर इन अस्पतालों में बेड मिलना मुश्किल है। चर्चा है कि सीएमओ कार्यालय से पहले संबिधत अस्पताल में मरीज भर्ती कराने की अनुमति प्राप्त करते हैं। इसके बाद एक लाख रुपये एडवांस जमा करते हैं। बेड खाली होने पर मरीज को सूचना दी जाती है।

निजी मेडिकल कॉलेज में फ्री इलाज

सरकार ने छह निजी मेडिकल को कोविड पैनल में शामिल किया है। इनमें मरीज सीएमओ कार्यालय द्वारा भेजे जाते हैं। इन निजी कॉलेजों में मरीज से कोई शुल्क नहीं पड़ता है। मरीज के इलाज का खर्च सरकार उठाती है।

निजी अस्पताल में इलाज का यह है शुल्क

कोविड अस्पताल दो श्रेणियों में हैं। इसमें जो अस्पताल नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) प्रमाण पत्र धारक हैं। उनमें जनरल बेड के 10,000, आइसीयू बेड के 15,000 व वेंटिलेटर बेड के18 हजार तय किए गए हैं। वहीं बिना एनएबीएच वाले अस्पताल में जनरल बेड के 8000, आइसीयू के 13000 व वेंटिलेटर के 15000 रुपये तय किए गए हैं।


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