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Positive India : अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोविड-19 अस्पताल बनेगा लखनऊ का लोहिया संस्थान

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर राममनोहर लोहिया संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोविड-19 अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 10:20 AM (IST)
Positive India : अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोविड-19 अस्पताल बनेगा लखनऊ का लोहिया संस्थान
Positive India : अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोविड-19 अस्पताल बनेगा लखनऊ का लोहिया संस्थान

लखनऊ, (धर्मेद्र मिश्र)। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर अब डॉक्टर राममनोहर लोहिया संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोविड-19 अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है। पहले इसे कोविड-2 अस्पताल बनाने की तैयारी थी। शहीद पथ स्थित संस्थान के मातृ-शिशु रेफरल अस्पताल को इसके लिए चुना गया था। इसके तहत यहां 200 बेड पहले से ही निर्धारित किए जा चुके हैं, मगर अब इसे लेवल-3 अस्पताल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। यहां अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत कोरोना मरीजों का इलाज किया जाएगा।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों के अनुसार अस्पताल में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दो श्रेणियों में विभक्त होगा कोरोना आइसीयू : कोरोना आइसीयू में स्टेबल और अनस्टेबल कैटेगरी बनाई जाएगी। आइसीयू में क्रिटिकल कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ही रखा जाएगा। इसमें दस वेंटिलेटर और 20 बेड होंगे। दस बेड स्टेबल और दस अनस्टेबल कैटेगरी के मरीजों के लिए होंगे। इस दौरान अगर किसी अनस्टेबल मरीज की हालत में सुधार आती है तो उसे स्टेबल बेड पर शिफ्ट कर दिया जाएगा और किसी स्टेबल मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो उसे अनस्टेबल के तौर पर वेंटिलेटर पर ले लिया जाएगा। यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल है, ताकि समय बर्बाद न हो। एमएस, लोहिया संस्थान डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोविड-19 अस्पताल की तैयारी पूरी हो चुकी है। मरीजों के नमूने भी यहीं जांचे जाएंगे। यहीं होगी कोरोना की जांच : लोहिया संस्थान की कोरोना लैब बनकर तैयार हो गई है। मौजूदा किट से यहां रोजाना 100 नमूनों की जांच की जा सकेगी। रैपिड किट मिलने पर संख्या बढ़ाई जा सकेगी।

गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. सुरेश खन्ना ने लोहिया संस्थान के शहीद पथ स्थित कोविड-3 (मातृ-शिशु रेफरल) अस्पताल का जायजा लिया। अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन, क्वारंटाइन वार्ड और आइसीयू में सुविधाओं को परखा। उनके साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव रजनीश दुबे भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में की गई तैयारियों और कोरोना को रोकने के उपायों पर मंत्री ने संतुष्टि जाहिर की गई। विश्व स्तरी कोविड-3 अस्पताल के आइसीयू में 20 बेड व 10 वेंटिलेटर होंगे। निरीक्षण के दौरान संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी, कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष भुवन चंद्र तिवारी, एमएस डॉ. श्रीकेश सिंह समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि अगले तीन दिनों में कोविड अस्पताल शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नमूनों की मौजूदा किट से अस्पताल में रोजाना हो सकेगी जांच, रैपिड किट मिलने पर बढ़ाई जा सकेगी संख्या बेड शहीद पथ स्थित संस्थान के मातृ-शिशु रेफरल अस्पताल में पहले ही किए जा चुके हैं निर्धारित सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों का होगा पालन यहां संदिग्ध मरीजों की जांच से लेकर कन्फर्म मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने व उससे किसी अन्य में संक्रमण न फैलने देने के समस्त अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल पूरे किए जाएंगे। मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर उसके परिवारजन को भी क्वारंटाइन कर जांच की जाएगी। कोविड-19 वार्ड में एक बार प्रवेश करने के बाद डॉक्टर व अन्य कर्मचारी एक माह तक कहीं बाहर नहीं जा सकेंगे। 15 दिन ड्यूटी के बाद अगले 15 दिन तक उन्हें क्वारंटाइन में रहना होगा।


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