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कोरोना की घेराबंदी के लिए आज से यूपी के गांवों में विशेष अभियान, दस लाख एंटीजेन जांच का लक्ष्य

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने तेजी से उत्तर प्रदेश को अपनी चपेट में लिया है। तमाम शहरों में स्थिति काफी खराब है। सरकार इसकी रोकथाम के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके साथ ही अब गांवों के बचाव के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला सरकार ने किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 08:32 AM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 11:49 AM (IST)
यूपी में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए पांच मई से गांवों में विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव निपट गए हैं। तेज गति से गांवों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंकाएं सिर उठा रही हैं। इससे पूरी तरह सतर्क योगी आदित्यनाथ सरकार ने गांवों में कोरोना की घेराबंदी के लिए व्यूह रचना कर ली है। बुधवार से प्रदेश के सभी राजस्व गांवों में पांच दिवसीय विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें घर-घर दस्तक देकर लक्षण वाले मरीजों की जांच की जाएगी।

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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने तेजी से उत्तर प्रदेश को अपनी चपेट में लिया है। तमाम शहरों में स्थिति काफी खराब है। सरकार इसकी रोकथाम के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके साथ ही अब गांवों के बचाव के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि बुधवार से पांच दिवसीय अभियान शुरू किया जाए।

अपर मुख्य सचिव सूचना डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों में निगरानी समितियां और रैपिड रेस्पांस टीमें घर-घर दस्तक देंगी। निगरानी समितियों को दस लाख मेडिसिन किट, जबकि रैपिड रेस्पांस टीमों को दस लाख एंटीजेन टेस्ट किट दी गई हैं। कुल दस लाख जांचों का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि टीमें पल्स आक्सीमीटर व अन्य जांचों से पता करेंगी कि किसी को कोरोना संक्रमण के लक्षण तो नहीं है। लक्षण मिलने पर मेडिसिन किट दी जाएगी। आइसोलेट कराया जाएगा। यदि जरूरत हुई तो मरीज को अस्पताल में भी भर्ती कराया जाएगा।

बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ही होली का त्योहार बीता। तब तमाम प्रवासी अपने गांव-गांव पहुंचे। गेहूं की कटाई के बाहर से भी मजदूर गांवों में पहुंचे। इसी तरह पंचायत चुनावों ने भी संक्रमण फैलने की आशंका पैदा कर दी। माना जा रहा है कि सावधानी बरतते हुए ही सरकार ने विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। मरीजों को आइसोलेट करने में भी समस्या नहीं आएगी। यदि किसी ग्रामीण के घर में व्यवस्था नहीं होगी तो सरकार पहले ही हर गांव में क्वारंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दे चुकी है।

होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए अलग ऑक्सीजन रीफिलर : होम आइसोलेशन के मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में एक-एक ऑक्सीजन रीफिलर को होम आइसोलेशन के मरीजों को आपूर्ति करने के लिए नामित किया जाए। होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन जरूर मिले। यदि किसी मरीज के परिजन सिलिंडर रीफिलिंग के लिए प्रयासरत हों तो उनकी मदद की जाए। पुलिस द्वारा किसी प्रकार के उत्पीड़न की शिकायत न आए।

किसी मजदूर को न हो भोजन की समस्या : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के कारण कहीं भी किसी श्रमिक, ठेला, रेहड़ी व्यवसायी, दैनिक मजदूर आदि को भोजन की समस्या न हो। ऐसे में सामुदायिक भोजनालय चलाने की जरूरत है। कृषि उत्पादन आयुक्त स्तर से यह व्यवस्था बनाई जाए। औद्योगिक इकाइयों में भी भोजन आदि का प्रबंध रहे।

डॉक्टर की मौजूदगी में लगे रेमडेसिविर : भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का दैनिक आवंटन बढ़ा दिया है। सरकारी कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन निश्शुल्क दिया जा रहा है। व्यवस्था है कि निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार डीएम-सीएमओ द्वारा इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। सीएम योगी ने कहा है कि सभी जिलाधिकारी और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि जब भी किसी मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाए तो वहां नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एक डाक्टर भी उपस्थित हो। इस जीवनरक्षक दवा की मांग, आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण रखा जाए।


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