जनता कर्फ्यू के दौरान पीलीभीत व कानपुर के अधिकारियों की लापरवाही, सफाई देने के बाद भी एक्शन तय
CoronaVIrus in UP Lock down जनता कर्फ्यू के दौरान कानपुर व पीलीभीत के शीर्ष अधिकारियों ने बड़ी लापरवाही की।
लखनऊ, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद रविवार को प्रात: सात बजे से रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू के दौरान कानपुर व पीलीभीत के शीर्ष अधिकारियों ने बड़ी लापरवाही की। शाम को पांच बजते ही पीलीभीत व कानपुर के डीएम तथा एसी सड़कों पर उतरे और हूजूम के साथ घंटा तथा शंख बजाते रहे। इस प्रकरण का वीडियो वायरल होने के बाद अब यह सभी सफाई देते फिर रहे हैं। इनकी बड़ी लापरवाही के कारण हजारों लोगों में संक्रमण का खतरा बन गया है। इनके इस कृत्य पर सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से कड़ा एक्शन तय माना जा रहा है। फिलहाल कानपुर तथा पीलीभीत में 25 मार्च तक लॉकडाउन है।
जनता कर्फ्यू के दौरान रविवार को शाम पांच बजे के बाद पीलीभीत तथा कानपुर के जिलाधिकारी तथा एसपी/एसएसपी अपने मातहतों के हूजूम के साथ सड़कों पर उतर कर घंटा तथा शंख बजाकर टहलने लगे। इन दोनों जिलों के शीर्ष अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इनका वीडियो वायरल हो रहा है। फिलहाल दोनों जिलों में तीन दिन का लॉकडाउन चल रहा है।
पीलीभीत व कानपुर के जिलाधिकारी रविवार शाम को पांच बजे कोरोना वारियर्स के सम्मान में ताली और घंटी बजाने के लिए पुलिस बल और आम लोगों के साथ सड़कों पर घूमने लगे। पीलीभीत डीएम वैभव श्रीवास्तव ने लोगों के साथ सड़कों पर मार्च करते हुए घंटी बजाई। कानपुर डीएम डॉक्टर ब्रह्मदेव राम तिवारी और एसएसपी अनंतदेव तिवारी पुलिस बल के साथ घंटी और ताली बजाते नजर आए। इन सभी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है।
दोनों ही अधिकारियों ने जनता कर्फ्यू के उस उद्देश्य की अनदेखी की जिसमें लोगों के जमावड़े को रोकते हुए सोशल दूरी बनानी थी। वायरल वीडियो में दोनों डीएम अपने मातहतों व आमजनों के साथ सड़कों पर तालियां और घंटियां बजाते नजर आए। अब तो बड़ा सवाल यह है कि जिन अधिकारियों पर ही लॉकडाउन को लागू करवाने की जिम्मेदारी है अगर वे खुद ही नियमों की धज्जियां उड़ाएंगे तो आमजन का क्या होगा। दोनों ही वीडियो में एक बात तो साफ है कि कानपुर व पीलीभीत डीएम ने जनता कर्फ्यू के दौरान जिस नियमों और निर्देशों का पालन करना था उसे नहीं किया। वह भी तब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात को लेकर बेहद गंभीर हैं कि कोरोनावायरस को किसी भी स्थिति में हलके में नहीं लेना है। इसे स्टेज टू से स्टेज थ्री में जाने से रोकना है।
पीलीभीत पुलिस ने बाद में स्पष्ट किया कि अधिकारियों ने कर्फ्यू की अवहेलना नहीं की। इस वायरल वीडियो में पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित एक शंख बजाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट वैभव श्रीवास्तव एक स्टील की प्लेट को ताली बजाते हुए मार्च कर रह हैं। इनके साथ कुछ बच्चे भी भीड़ का हैं। पुलिस ने पहले ट्वीट किया था कि अधिकारी पूरे शहर में 14 घंटे के तालाबंदी का जायजा लेने वाले थे।
इसके बाद में ट्वीट में, पीलीभीत पुलिस ने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने से बचने के लिए मार्च निकालने के लिए मार्च किया गया था। जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कर्फ्यू को टालने की कोशिश नहीं कर रहे थे। कुछ लोग अपने घरों (सड़कों पर) से बाहर निकल रहे थे, इसलिए उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया। बल प्रयोग करना उचित नहीं था।
कोरोना वायरस पॉजिटिव निकली मक्का से लौटी पीलीभीत की महिला
मक्का से एक दल के साथ लौटी पीलीभीत की महिला के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पीडित महिला की निगरानी शुरु कर दी है। मक्का से एक दल के साथ लौटी पीलीभीत की महिला के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पीडित महिला को आइसोलेटेड कर उसकी निगरानी शुरु कर दी है। इसके साथ ही विभाग दल के अन्य सदस्यों के बारें में भी जानकारी कर रहा है। कुछ समय पहले पीलीभीत के कस्बा अमरिया से 37 लोगों का एक दल मक्का गया था। करीब एक हफ्ते पहले ही सब लोग लौट कर आए हैं। दल में शामिल एक महिला की तबीयत खराब हो गई थी। घरवालों ने अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टरों ने कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लेकर लखनऊ भेजा था। रविवार देर रात आई रिपोर्ट में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य महकमा एक्टिव हो गया। महिला को आइसोलेशन वार्ड में ही भर्ती किया गया है। उसके साथ मक्का गए अन्य लोगों को भी क्वाराइंटन किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग यह भी जानने का प्रयास करेगा कि दल में शामिल लोग कहां कहां गए और किस किस से मिले। सभी की निगरानी की जाएगी।