उत्तर प्रदेश की जेलों में भी बढ़ा कोरोना वायरस का संक्रमण, 1600 से ज्यादा बंदी पॉजिटिव
उत्तर प्रदेश की जेलों में 45 वर्ष से अधिक आयु के 25 हजार से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने सलाखों के पीछे भी अपना असर डाला है। बीते दिनों तीन बंदियों दो जेल कर्मियों व एक जेल अधिकारी ने कोरोना संक्रमण से जान गंवाई है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। भले ही यह कहा जाता हो कि जेल की दुनिया अलग है, लेकिन वर्तमान समय में ऐसा नहीं है। कोरोना की बढ़ती दस्तक ने सलाखों को भी हिलाना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश की जेलों में करीब 1641 बंदी कोरोना संक्रमित हैं। अब अन्य बंदियों को इस संक्रमण से बचाने के लिए कड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में जेलों में पांच बंदियों व कर्मियों की मौत भी हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश की जेलों में 45 वर्ष से अधिक आयु के 25 हजार से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। इनमें 22 हजार से अधिक का टीकाकरण कराया जा चुका है। शेष को टीका लगवाने की प्रक्रिया चल रही है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने सलाखों के पीछे भी अपना असर डाला है। बीते दिनों तीन बंदियों, दो जेल कर्मियों व एक जेल अधिकारी ने कोरोना संक्रमण से जान गंवाई है। सूबे की जेलों में एक लाख से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। उनकी सुरक्षा के लिए जेल मुख्यालय ने कोविड से बचाव के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। वर्तमान में संक्रमित बंदियों का उपचार कराया जा रहा है।
मृत्यु दर पर काबू करने की चुनौती : सोमवार को लगातार दूसरा दिन रहा जब चौबीस घंटे में नए मरीजों की संख्या में कुछ गिरावट दर्ज की गई। शनिवार को जो आंकड़ा 38055 पर था, वह घटकर 33574 पर आ गया। हालांकि, मृत्यु दर अभी भी चुनौती बनी हुई है। एक दिन में सर्वाधिक मौतों के मामले में कानपुर नगर ने लखनऊ को भी पीछे छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश भर में 33574 नए संक्रमित मरीज पिछले चौबीस घंटे में पाए गए। बेशक, यह संख्या भी बहुत ज्यादा है, लेकिन सुकून की बात यह है कि शनिवार को तो जैसे कोरोना बम फूटा था। सूबे में 38055 नए मरीज पाए गए थे। उसकी तुलना में रविवार की रिपोर्ट में यह आंकड़ा कुछ कम यानी 35614 हुआ और सोमवार को कुछ और कम हो गया। इससे उम्मीद तो की ही जा सकती है कि ऐसे ही नए संक्रमित मरीजों की संख्या कुछ काबू हो तो हालात में कुछ सुधार आना शुरू हो।