आईआईटीके दीक्षांत : 1247 छात्र-छात्राओं को मिली उपाधि, अब दुनिया जीतने की बारी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर ने यहां विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ाई पूरी करने वाले 1247 छात्र-छात्राओं को 49वें दीक्षा समारोह में उपाधि प्रदान की।
लखनऊ (जेएनएन)। दुनिया भर में हिंदुस्तान के हुनर का डंका बजाने को एक और पीढ़ी तैयार हो गई। आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर ने यहां विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ाई पूरी करने वाले 1247 छात्र-छात्राओं को 49वें दीक्षा समारोह में उपाधि प्रदान की। समारोह में भारत रत्न वैज्ञानिक प्रो. सीएनआर राव को संस्थान ने डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से नवाजा। वहीं, मुख्य अतिथि बफैलो विवि, न्यूयॉर्क के अध्यक्ष प्रो. सतीश के. त्रिपाठी ने दीक्षा अभिभाषण में छात्रों को सफलता के मूलमंत्र दिए।
संस्थान के मुख्य सभागार में आयोजित दो दिवसीय दीक्षा समारोह की शुरुआत सोमवार सुबह 9.30 बजे शैक्षिक शोभायात्रा से हुई। इसके बाद आईआईटी के निदेशक प्रो. इंद्रानिल मन्ना ने छात्र-छात्राओं को उपाधि दी। संचालक मंडल के अध्यक्ष प्रो. आरसी भार्गव की अध्यक्षता वाले गौरवमयी समारोह की गरिमा तब और बढ़ गई, जब इसी संस्थान में प्रोफेसर रह चुके प्रो. सीएनआर राव को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि दी गई। उन्होंने संस्थान से जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए। इसके बाद तीन मेधावियों को मेडल प्रदान किए गए।
सफलता के लिए जरूरी है रिस्क
प्रो. सतीश के. त्रिपाठी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका आइडिया शानदार है। जरूरी तो ये है कि उसे दूसरों की थ्योरी से भी जांचें। ये प्रक्रिया हमेशा आपको मजबूत करेगी। इसके अलावा योजना हमेशा तथ्यात्मक और सुरक्षित बनाएं, लेकिन रिस्क लेने के बारे में हमेशा सोचें। मैंने भी 1970 में बड़ा रिस्क लिया था। जब मैं कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में सांख्यिकी की संभावनाएं तलाश रहा था। वह नया क्षेत्र था, जिसमें बहुत कम लोग थे। बावजूद इसके सफलता मिली। इसी तरह दूसरा रिस्क मैंने तब लिया, जब भारत छोड़कर अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने कनाडा गया। सफलता के लिए कोई जादुई मंत्र नहीं होता, लेकिन रिस्क के साथ अपनी सोच के रास्ते पर चलना होता है। अब आप भी अपनी दिशा तय करने के लिए तैयार हैं।
ये मिलीं उपाधियां
पीएचडी- 151
एमटेक- 513
एमबीए- 33
मास्टर ऑफ डिजाइन- 37
बीएलएफएम- 39
एमएससी (दो वर्ष) - 125
एमएससी (पांच वर्ष)- 21
डबल डिग्री
बीटेक-एमटेक- 251
बीएस-एमएस- 66
बीटेक-एमएस- 6
बीटेक-एमबीए- 1
एमएस-पीएचडी- 4
इन्हें मिले गोल्ड मेडल
उन्नत जैन, बीटेक-एमटेक
डायरेक्टर्स गोल्ड
अनुराग सहाय, एमएससी
रतन स्वरूप मेमोरियल प्राइज
रूबिया हसन, एमटेक
कन्डेंस गोल्ड मेडल।