अवमानना मामले में DM रायबरेली को फटकार, अदालत ने कहा-फैशन हो गया है कोर्ट के आदेशों को हल्के में लेना
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि आदेश का अनुपालन कर रिपोर्ट प्रेषित नहीं की जाती तो 23 अप्रैल को डीएम को स्वयं अदालत में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना के आरोप तय कर दिए जाएं।
लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अवमानना के मामले में रायबरेली के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को फटकार लगाई कि उन्होंने अदालत के आदेश को बहुत ही हल्के में लिया है।
अदालत ने कहा कि आजकल न्यायपालिका के आदेशों को हल्के में लेने का फैशन हो गया है। सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि आदेश का अनुपालन कर रिपोर्ट प्रेषित नहीं की जाती तो 23 अप्रैल को डीएम को स्वयं अदालत में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना के आरोप तय कर दिए जाएं।
अदालत ने डीएम का बचाव करने आए महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह की भी उस समय आड़े हाथों लिया जब उन्होंने कहा कि मौके पर अतिक्रमण राज्य सरकार के आदेश पर हटाया गया है न कि अदालत के आदेश के अनुपालन में यह आदेश जस्टिस चंद्र धारी सिंह की एकल पीठ ने कमला नेहरू एजूकेशनल सोसायटी, रायबरेली की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि डिवीजन बेंच ने सात जुलाई 2020 को आदेश दिया था कि अतिक्रमण हटाकर याची को कब्जा दिलाया जाए। अतिक्रमण तो हटा दिया गया किन्तु कब्जा आज तक याची को नहीं दिया गया है। याचिका पर 25 फरवरी 2021 को कोर्ट ने जिलाधिकारी को सात जुलाई 2020 को पारित आदेश का अनुपालन करने का आदेश दिया था, किंतु जब याचिका पुन: सुनवाई के लिए आई तो जिलाधिकारी की ओर से इस प्रकरण में निर्देश तैयार करने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा गया। इस पर अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी को तलब किया था।