इम्यूनिटी बूस्ट करने की चाह ने किराना बाजार में ला दी गर्माहट, घर-घर बढ़ी काढ़े की खपत
लखनऊ में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए घर-घर बढ़ते काढ़े के चलन ने किराना बाजार को रफ्तार दे दी है। शॉपिंग माॅल हों या फिर थोक अथवा फुटकर बाजार। सभी में मसालों की बिक्री तेज है। इम्यूनिटी बूस्ट करने की चाह ने किराना बाजार में ला दी गर्माहट।
By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 09:18 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 09:18 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए घर-घर बढ़ते काढ़े के चलन ने किराना बाजार को रफ्तार दे दी है। शॉपिंग माॅल हों या फिर थोक अथवा फुटकर बाजार, सभी में मसालों की बिक्री तेज है। कोरोना काल में जहां कई बाजारों में लोग ग्राहकों का इंतजार करते दिखते हैं वहीं लोगों द्वारा घरेलू देशी नुस्खों का जमकर उपयोग किए जाने से किराना बाजार गति पकड़ रहा है। घर-घर काढ़ा के प्रयोग से काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी, मेंथी, जीरा, धनिया, अजवाइन, दालचीनी जैसे मसालों की न केवल खपत बढ़ गई है बल्कि इसकी कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। हाल यह है कि गर्मियों के मौसम में च्यवनप्राश तक की जबरदस्त मांग बढ़ी है। कारोबारियों की मानें तो मसाला आज लोगों की बड़ी पसंद बन गया है।अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आमतौर पर रोज करीब दो से तीन ट्रक की खपत मंडी में रहती थी। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर पांच यानी दोगुनी हो गई है। मांग बढ़ने से महीने में 150 ट्रक से अधिक का काराेबार आसानी से हो रहा है।
किराना आइटम के साथ औषधीय उत्पाद भी पीछे नहींअनलॉक का समय हो या फिर मौजूदा दौर किराना बाजार कोराेना काल में पीछे नहीं रहा। मसालों के साथ औषधीय उत्पादों ने किराना बाजार में ग्राहकों की रौनक बनाए रखी।इनमें गिलोय, तुलसी, आंवला, अश्वगंधा, च्यवनप्राश आदि उत्पादों को लोगों ने इस काल में भी हाथों हाथ लिया। पहले गर्मी में च्यवनप्राश समेत अन्य मसालों का उपयोग गर्मी के दौरान कम होता था लेकिन इस बार मसाले की सभी चीजों का उपयोग खूब किया गया। लाजिमी है कि खपत बढ़नी तय है।
होटल खुले तो बाजार में आया और निखार
सिर्फ सेहत की फिक्र करने वाले ही नहीं खानपान के लिए खुलने वाले होटलों ने भी किराना बाजार की सेहत दुरुस्त कर दी है। अभी तक होटल बंद थे ऐसे में मसालों की खपत काफी कम थी लेकिन होटल उद्योग खुलते ही किराना बाजार मसालाें की खुशबू से महक उठा है। थोक मंडी में इसकी गरमाहट दिख रही है। हां अभी मेवा का बाजार अभी तेज नहीं है लेकिन नवरात्र से इसकी कीमतों में अंतर आने के आसार हैं।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले मसालों की डिमांड सर्वाधिक
काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, हल्दी, अजवाइन, सेंधा नमक, काला नमक आदि चीजों का उपयोग सर्वाधिक होने से काढ़े में प्रयोग होने वाले मसाले की डिमांड सबसे अधिक है। थोक मंडी में खपत बढ़कर दो से चार ट्रक हो गई हैं। मेथी, जीरा, लहसुन की मांग भी खूब है। यह सभी मसाले प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर माने जाते हैं।
दूध में हल्दी सेवन ने और सुनहरा किया बाजार
इम्यूनिटी बढ़ाने के फेर में लोगों ने दूध में हल्दी का सेवन करने वालों का ग्राफ बढ़ा दिया है। काली मिर्च और लाैंग का प्रयोग बढ़ा है। व्यापारी कहते हैं कि इसके अलावा जायफल, तेजपत्ता का बाजार भी गर्म है।
'अन्य चीजों की तुलना में मसाले की खपत बढ़कर डेढ़ से दो गुनी हो गई है। यही हाल इम्यूनिटी बूस्टर उत्पादों का है। विटामिन सी की प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने वाले आंवले के आइटम लोगों की खास पसंद हैं। आमतौर पर सर्दी में बिकने वाला च्यवनप्राश तक की बिक्री चरम पर है। कह सकते हैं कि मसाला बाजार ने किराना उद्योग को गति दे दी है।' -पीयूष सिंह चौहान, सीईओ आरओसी
'महीने में करीब डे़ढ सौ ट्रक से ज्यादा का कारोबार थोक मंडी किराना बाजार का है। पहले सौ ट्रक से कम का ही कारोबार होता था। काेराेना संक्रमण के दौरान लोगों ने मसालों का उपयोग बढ़ाया है। हर घर में इसकी खपत बढ़ाई है। यहां तक हल्दी तक की आपूर्ति दोगुनी तक पहुंच गई है। यही हाल लौंग, काली मिर्च का है।' -विनोद कुमार अग्रवाल, थोक किराना कारोबारी
मसाला-थोक-फुटकर कीमत रुपये प्रति किलो
- हल्दी-73से 75- 80 से 90
- जीरा-160 से 162- 175से 180
- धनिया-85 से 90- 110 से 115
- लाल मिर्च-180 से 190- 200 से 210
- काली मिर्च- 350 से 355- 375 से 380
- अजवाइन- 160 से 170- 180 से 190
- मेंथी-70 से 75 - 85 से 90
- दालचीनी- 250 से 260- 285 से 290
- लौंग-450 से 460 -475 से 500
- जायफल- 530 से 540-575 से 580
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