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यूपी में कानून व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेसियों का प्रदर्शन, नेहरू भवन पर ही किये गए गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए लगातार योगी सरकार पर हमले कर रही कांग्रेस ने मंगलवार को इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 08:44 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 01:40 AM (IST)
यूपी में कानून व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेसियों का प्रदर्शन, नेहरू भवन पर ही किये गए गिरफ्तार
यूपी में कानून व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेसियों का प्रदर्शन, नेहरू भवन पर ही किये गए गिरफ्तार

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए लगातार योगी सरकार पर हमले कर रही कांग्रेस ने मंगलवार को इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया। हुंकार तो राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की थी, लेकिन पहले से गेट पर मुस्तैद पुलिस बल ने नेहरू भवन यानी पार्टी मुख्यालय पर ही कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, ईको गार्डन ले जाकर शाम को सभी रिहा कर दिए गए।

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कानपुर कांड को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन मंगलवार को पार्टी कार्यालय परिसर तक ही सिमटकर रह गया। हिरासत से छूटने के बाद यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है। अपराधी और गुंडों को योगी सरकार का संस्थागत संरक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि कभी ऐसा नहीं हुआ है कि राज्यपाल को ज्ञापन देने सौंपने जा रहे लोगों को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया हो।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि कानपुर में आठ पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की हुई हत्या के बाद सामने आ रहे तथ्यों से यह साफ हो गया है कि योगी सरकार में पुलिस और अपराधियों की संलिप्तता है। प्रदर्शन में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अनुसूचित जाति विभाग के प्रभारी प्रदीप नरवाल, विभाग के अध्यक्ष आलोक प्रसाद, उपाध्यक्ष तनुज पुनिया, पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ल, विश्वविजय सिंह, मनोज यादव, प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह, बृजेंद्र कुमार सिंह, डॉ. अनूप पटेल आदि शामिल थे।

दलित-पिछड़ा उत्पीड़न और हिंसा का हब बना उत्तर प्रदेश : प्रदर्शन से पहले पत्रकारों से बातचीत में यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगीराज के तीन वर्षों में प्रदेश दलित-पिछड़ा हिंसा, उत्पीड़न और दुष्कर्म का हब बन गया है। दलितों-पिछड़ों पर होने वाले अत्याचार में दिनों-दिन इजाफा हो रहा है। योगी मंत्रिमंडल और भाजपा में शामिल दलित-पिछड़े नेताओं-मंत्रियों की स्थिति नहीं है कि वे ऐसे उत्पीड़न के खिलाफ आवाज तक उठा सकें।

कांग्रेसियों के लिए न दो गज दूरी, न मास्क जरूरी : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने 'दो गज की दूरी और मास्क जरूरी' का मंत्र दिया है, लेकिन राजनीतिक दल इस जिम्मेदारी को समझने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस लगातार किसी न किसी मुद्दे पर कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाकर प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में मंगलवार को राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे कार्यकर्ताओं के पुलिस से टकराव में शारीरिक दूरी की सावधानी दरकिनार हो गई, जबकि कई कार्यकर्ता मास्क भी नहीं लगाए थे।

उड़ाई जा रहीं शारीरिक दूरी की धज्जियां : कोरोना से बचाव के लिए बड़े राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक आयोजनों पर रोक इसीलिए लगाई गई है कि कहीं भीड़ एकत्र न हो और शारीरिक दूरी बनी रहे। अधिकांश दलों ने अपनी गतिविधियों को सीमित कर लिया है, जबकि कांग्रेस ने कोरोना के खतरे को पूरी तरह नजरअंदाज कर रखा है। मंगलवार को जब कांग्रेसी राजभवन रवाना होने के लिए पार्टी मुख्यालय में एकत्र हुए तो कोरोना की चिंता कहीं नजर नहीं आई। पुलिस ने आगे जाने से रोका तो एक-दूसरे से सटकर धक्कामुक्की करने लगे। इस दौरान वरिष्ठ नेता तो मास्क लगाए थे, लेकिन कई कार्यकर्ताओं के मास्क गले में लटक रहे थे। इससे पहले बीते शनिवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी शारीरिक दूरी का पालन किए बिना राजधानी में प्रदर्शन किया था। हालांकि मास्क सभी लगाए थे।


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