80 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार कांग्रेस जरूरत पर छोड़ सकती है कुछ सीटें
सपा-बसपा गठबंधन द्वारा कांग्रेस के लिए दो सीटें (रायबरेली व अमेठी) छोडऩे के बदले जरूरी हुआ तो कुछ सीटें छोड़ी जा सकती हैं।
लखनऊ, जेएनएन। सपा-बसपा गठबंधन द्वारा दो सीटें (रायबरेली व अमेठी) छोडऩे के बदले जरूरी हुआ तो कांग्रेस कुछ सीटें और भी छोड़ सकती है। कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद पूर्वी जिलों के प्रमुख नेताओं की बैठक के बाद गठबंधन के प्रति नरम रुख में नजर आए। कांग्रेस जल्द ही छोटे दलों से गठजोड़ की दिशा में भी आगे बढ़ने जा रही है। कांग्रेस ने आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से किनारा करते हुए अपनी चुनाव तैयारियों पर फोकस किया।
कांग्रेस के पक्ष में आएंगे चौंकाने वाले नतीजे
बसपा प्रमुख मायावती की कांग्रेस के खिलाफ टिप्पणियों पर कुछ भी कहने से इन्कार करते हुए गुलाम नबी ने अपनी चुनावी तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की फरवरी में एक दर्जन सभाएं होंगी, जिसके बाद प्रदेश का राजनीतिक परिदृश्य ही बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि आम जनता भी जान गई है कि मजबूत कांग्रेस ही भाजपा को सत्ता से बाहर कर सकती है। जनता कांग्रेस को ताकत देने का मन बना चुकी है। 2009 की तरह कांग्रेस के पक्ष में चौंका देने वाले नतीजे आने का दावा करते हुए उन्होंने उन छोटे दलों का नाम बताने से भी इन्कार किया, जिनसे गठबंधन वार्ता चल रही है। उन्होंने जरूरत पर गठबंधन के लिए कुछ सीटे छोड़ने की बात कही लेकिन सीटों के नाम बताने से इन्कार किया और कहा कि सही समय पर बताया जाएगा।
राहुल की रैलियों में शक्ति प्रदर्शन
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बुधवार को भारी चहल पहल रही। पूर्वी जिलों केजिला व शहर अध्यक्षों व प्रमुख नेताओं की प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इसमें गुलाम नबी आजाद, संजय सिंह, प्रमोद तिवारी, अजय कुमार लल्लू, आराधना मिश्रा, रत्ना सिंह, ब्रजलाल खाबरी, राजाराम पाल व अखिलेश प्रताप सिंह मौजूद रहें। बैठक में राहुल की रैलियों के अलावा गठबंधन के बाद बने सियासी हालात पर भी चर्चा की गई। अधिकतर वक्ताओं का कहना था कि कांग्रेस मजबूती से चुनाव में उतरेगी तो अनुकूल परिणाम मिलेंगे। राहुल का चुनाव अभियान लखनऊ से शुरू करने पर आम सहमति बनी। रैलियां कामयाब होंगी तब ही कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनेगा। ज्वाइंट मीडिया कोआर्डिनेटर पीयूष मिश्रा ने बताया कि राहुल गांधी की रैलियों की तैयारियों के सिलसिले में दिल्ली में निकट के जिलों की बैठकें हो चुकी हैं। इसी क्रम में लखनऊ में पूर्वी जिलों की छह बैठकें संपन्न हुईं। विभागों व प्रकोष्ठों की बैठकों में रैलियों की तैयारियों की समीक्षा शुरू है।