Move to Jagran APP

यूपी में कांग्रेस को 'सियासी भंवर' से निकालने संगम पहुंचीं प्रियंका वाड्रा, थामी हिंदुत्व की नई पतवार

Mission UP 2022 मुस्लिम तुष्टिकरण को सत्ता का ग्रीन कार्ड समझती रही कांग्रेस सपा और बसपा के इस वोटबैंक में हिस्सेदार नहीं बन सकी। संगम में प्रियंका की डुबकी हिंदुत्व के एजेंडे पर ही भाजपा से दो-दो हाथ कर कांग्रेस को सियासी भंवर से निकालने की कोशिशों का हिस्सा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 06:04 PM (IST)
यूपी में कांग्रेस को 'सियासी भंवर' से निकालने संगम पहुंचीं प्रियंका वाड्रा, थामी हिंदुत्व की नई पतवार
उत्तर प्रदेश में किसान पंचायतों के तय कार्यक्रम के बीच कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा प्रयागराज पहुंचीं।

लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। उत्तर प्रदेश में किसान पंचायतों के तय कार्यक्रम के बीच प्रयागराज तो कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा अचानक ही आईं, लेकिन सब कुछ अनायास कतई नहीं माना जा सकता। सहारनपुर के शाकुंभरी देवी मंदिर में दर्शन से शुरुआत, गुरुवार को प्रयागराज, 19 फरवरी को मथुरा और इसी बीच अयोध्या पहुंचने की सुगबुगाहट पार्टी के आगामी रोडमैप से निकली रणनीतिकारों की योजना का नियोजित हिस्सा है। मुस्लिम तुष्टिकरण को सत्ता का ग्रीन कार्ड समझती रही कांग्रेस, सपा और बसपा के इस वोटबैंक में हिस्सेदार भी न बन सकी। अब संगम में प्रियंका की डुबकी हिंदुत्व के एजेंडे पर ही भाजपा से दो-दो हाथ कर कांग्रेस को सियासी भंवर से निकालने की कोशिशों का हिस्सा है। 

loksabha election banner

जब से प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी संभाली है, वह हर मुद्दे पर नजर रखे हैं और सरकार से लगातार जूझ रही हैं। वैसे प्रियंका ने यहां मेहनत तो 2019 से ही शुरू कर दी थी, लेकिन तब लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार मिली। फिर वह 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गईं, लेकिन यहां भी पार्टी की सेकुलरिज्म की राष्ट्रीय रणनीति साथ लेकर आईं। नागरिकता संशोधन कानून सहित हर उस मुद्दे और पीड़ित को पकड़ा, जो एक वर्ग विशेष को प्रभावित करे।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में तो अन्य विपक्षी नेताओं की तुलना में प्रियंका ही ज्यादा मुखर रहीं। इसके बावजूद सात सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में इस वर्ग का वोट प्रतिद्वंद्वी, खास तौर पर सपा से न खींच पाईं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, एक मुस्लिम पदाधिकारी ने भी आखिरकार सलाह दी कि यदि कांग्रेस अपना सवर्ण और दलित का पुराना वोट फिर पा जाए तो मुस्लिम, कांग्रेस को भाजपा के सामने विकल्प समझेगा।

इसी रणनीति के तहत यह भी तय हो चुका है कि अब वर्ग विशेष की बात उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों में की जाएगी, जहां यह निर्णायक भूमिका में हैं। बाकी जगह पार्टी हिंदू वोट पर फोकस करेगी। प्रियंका सभी जिलों में पुराने समर्थक और प्रबुद्धजनों से मिलेंगी। इसी बीच किसान पंचायतों का कार्यक्रम तय हुआ तो ग्रामीणों-किसानों के बीच माथे पर तिलक लगाए 'हिंदू बेटी' के तौर पर पहुंचाने का रास्ता भी बना लिया गया। पार्टी के एक प्रदेश पदाधिकारी मानते हैं कि पार्टी इस बात पर सहमत है कि सपा-बसपा से मुस्लिम मतों की हिस्सेदारी के लिए लड़ने से सत्ता नहीं मिलेगी।

प्रियंका ही होंगी मुख्यमंत्री का चेहरा : पार्टी सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनाव में प्रियंका वाड्रा ही कांग्रेस से मुख्यमंत्री का चेहरा होंगी। इसकी घोषणा संभवत: सितंबर-अक्टूबर में हो। उससे पहले प्रियंका यूपी की नेता, हिंदू नेता और आम नेता की छवि बनाना चाहती हैं। संगम में खुद नाव की पतवार संभालना और बीते दिनों रामपुर के रास्ते में खुद गाड़ी का शीशा पोंछने के पीछे वीआइपी छवि मिटाने की भी कोशिश है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.