कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने उठाया यूपी के गन्ना किसानों का मुद्दा, बोलीं- जुमला निकला 14 दिनों में भुगतान का वादा
उत्तर प्रदेश के किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को लोकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी के लाखों किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान फंसा हुआ है। 14 दिनों में भुगतान और आय दोगुनी का वादा जुमला निकला।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को लोकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने योगी सरकार के किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर किए गए दावों और वादों पर कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि यूपी के लाखों किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान फंसा हुआ है। 14 दिनों में भुगतान और आय दोगुनी का वादा जुमला निकला।
कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि 'लखीमपुर खीरी के किसान आलोक मिश्रा का छह लाख रुपये का गन्ना भुगतान बकाया है। उनको खेती, इलाज आदि के लिए तीन लाख का लोन लेना पड़ा। 10,000 करोड़ का भुगतान फंसा होने के चलते यूपी के लाखों किसानों का यही हाल है। 14 दिनों में भुगतान एवं आय दोगुनी का वादा जुमला निकला।'
जनविरोधी व किसान विरोधी है भाजपा : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फिर आरोप लगाया है कि भाजपा जनविरोधी और किसान विरोधी है। अखिलेश ने ट्वीट कर एमएसपी, किसानों के मुद्दे, बेरोजगारी की समस्या और महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया है कि 'न एमएसपी दिलवाना, न किसानों की आय व गन्ने का दाम बढ़ाना, न बेरोजगारों को काम दिलाना, न नारी का मान बचाना, न बेइंसाफी को खत्म करना... अच्छा नहीं है बस आना, झूठे सपने दिखाना, बहलाना, बहकाना और बस चले जाना... जनता भी कह रही है अबकी बार है सबक सिखाना।'
न एमएसपी दिलवाना, न किसानों की आय व गन्ने का दाम बढ़ाना, न बेरोज़गारों को काम दिलाना, न नारी का मान बचाना, न बेइंसाफ़ी को ख़त्म करना... अच्छा नहीं है बस आना, झूठे सपने दिखाना, बहलाना, बहकाना और बस चले जाना... जनता भी कह रही है अबकी बार है सबक़ सिखाना। #नहीं_चाहिए_भाजपा— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 16, 2021
बता दें कि उत्तर प्रदेश में पेराई सत्र 2020-21 के लिए गन्ना समर्थन मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होगी। किसानों को गत सत्र के बराबर 325, 315 व 310 रुपये प्रति क्विंटल दर से गन्ना मूल्य भुगतान किया जाएगा। बाजार में चीनी के दाम नहीं बढ़ने पर लगातार तीसरे पेराई सत्र में भी गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया जा सका है। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार गन्ना मूल्य निर्धारण में हुए विलंब का लाभ मामूली वृद्धि के तौर पर मिल सकता है। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को देखते हुए माना जा रहा था कि सरकार किसानों को खुश करने के लिए गन्ना समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी कर सकती है, लेकिन किसानों में मायूसी हाथ लगी।