Move to Jagran APP

कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा का बड़ा आरोप- मुझे गैर कानूनी रूप से रखा है कैद, 53 घंटे बाद भी नहीं बता पाई पुलिस

प्रियंका वाड्रा सोमवार सुबह साढे चार बजे से सीतापुर पुलिस की हिरासत में हैं। बुधवार सुबह उन्‍हें हिरासत में लगभग 53 घंटे से ज्‍यादा हो गए हैं। गेट के बाहर कार्यकर्ता जुटे हुए हैं। वहीं सीतापुर जिला प्रशासन ने सुबह आठ बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 10:19 AM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 12:50 PM (IST)
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा का बड़ा आरोप- मुझे गैर कानूनी रूप से रखा है कैद, 53 घंटे बाद भी नहीं बता पाई पुलिस
प्रियंका वाड्रा सोमवार सुबह साढे चार बजे से सीतापुर पुलिस की हिरासत में हैं।

लखनऊ, जेएनएन। लखीमपुर कांड के बाद से पीड़ित परिवारों से मिलने की जिद पर अड़ी कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने अपनी हिरासत को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने बयान जारी कर आरोप लगाया है कि उन्हें गैर कानूनी तरीके से बलपूवर्क हिरासत में लिया गया। बिना किसी कानूनी आधार के उनके सांविधानिक अधिकारों का हनन करते हुए उन्हें सीतापुर पीएसी गेस्ट हाउस में कैद रखा गया है। वहीं, सीतापुर जिला प्रशासन ने सुबह आठ बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है।

loksabha election banner

प्रियंका वाड्रा सोमवार सुबह साढे चार बजे से सीतापुर पुलिस की हिरासत में हैं। बुधवार सुबह उन्‍हें हिरासत में लगभग 53 घंटे से ज्‍यादा हो गए हैं। गेट के बाहर कार्यकर्ता जुटे हुए हैं। रात में पीएससी गेटस हाउस के बाहर 15 मिनट के लिए लाइट चली गई थी, जिसकी वजह से वहां हलचल बढ़ गई। कार्यकर्ताओं को कुछ अप्रिय घटना का संदेह लगा था, लेकिन फिर स्थिति सामान्‍य हो गई। प्रियंका वाड्रा अभी भी लखीमपुर जाने के लिए अड़ी हुई हैं।

रविवार रात को ही लखनऊ आकर लखीमपुर के लिए रवाना हुईं कांग्रेस महासचिव को पुलिस-प्रशासन ने सीतापुर में हिरासत में ले लिया था। वह ऐलान कर चुकी हैं कि लखीमपुर कांड में मारे गए किसानों के परिवारों से मिले बिना वापस नहीं जाएंगी। मंगलवार दोपहर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित करते हुए एक वीडियो जारी किया और फिर देर शाम प्रियंका ने अपना लिखित वक्तव्य जारी किया, जिसमें विस्तार से घटनाक्रम बताया है।

प्रियंका वाड्रा ने कहा है कि चार अक्टूबर यानी सोमवार सुबह लगभग 4.30 बजे सीतापुर के सीओ पीयूष कुमार सिंह के मौखिक कथन पर उन्हें धारा 151 के तहत हिरासत में लिया गया। उस वक्त वह लखीमपुर जिले की सीमा से बीस किलोमीटर दूर थीं। सीतापुर में धारा 144 लागू नहीं हुई थी। वैसे भी वह दो कार्यकर्ता, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और निजी सचिव संदीप सिंह के साथ गाड़ी से जा रही थीं। चार लोगों के अलावा सुरक्षा दस्ता तक साथ नहीं था। तब भी हिरासत में लेकर दो महिला और दो पुरुष कांस्टेबल सीतापुर पीएसी परिसर ले आए।

कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी ने स्पष्ट कहा है कि पीएसी परिसर लाए जाने के बाद से अब तक पुलिस, प्रशासन या सरकार ने यह नहीं बताया कि उन्हें किन कारणों से और किन धाराओं में हिरासत में लिया गया है। हिरासत से संबंधित कोई नोटिस, आदेश या एफआइआर नहीं दिखाई गई। कांग्रेस नेता के मुताबिक, उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर एक कागज देखा है, जिसमें प्रशासन ने 11 लोगों को नामजद किया है, जिनमें से आठ लोग तो उनकी हिरासत के वक्त वहां मौजूद ही नहीं थे। प्रशासन ने उन दो लोगों को भी नामजद कर दिया, जो लखनऊ से सिर्फ कपड़े देने आए थे। प्रियंका ने कहा है कि उन्हें किसी मजिस्ट्रेट या न्यायिक अधिकारी के सामने पेश नहीं किया गया। उनके वकील गेट पर खड़े हैं, लेकिन कानूनी सलाह लेने के लिए वकीलों से मिलने के अधिकार से वंचित रखा गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.