कांग्रेस स्थापना दिवस कल, कांग्रेस का गौरव लौटाने का संकल्प
इस दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में संघर्ष को जारी रखने व कांग्रेस की नीतियों को गांव गली तक प्रचारित करने पर जोर दिया।
लखनऊ (जेएनएन)। कांग्रेस के 133 वें स्थापना दिवस पर पार्टी का अतीत याद करते हुए कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का गौरव लौटाने का संकल्प लिया। बुजुर्ग कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने के साथ उनके संघर्षों का भी स्मरण किया। राहुल गांधी के नेतृत्व में संघर्ष को जारी रखने व कांग्रेस की नीतियों को गांव गली तक प्रचारित करने पर जोर दिया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की नियुक्ति के बाद मनाए जा रहे स्थापना दिवस को लेकर कांग्रेसजन में खासा उत्साह नजर आया। सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित किये गए समारोहों में बुजुर्ग कांग्रेसियों का सम्मान किया गया। गुरुवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में सुबह से ही चहल पहल थी। प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर की मौजूदगी में पहले सेवादल कार्यकर्ताओं ने ध्वज वंदन और सलामी के साथ शपथ ग्रहण की। मुख्य संगठक प्रमोद कुमार पांडेय के संयोजन में शपथ दिलायी गई।
राजबब्बर ने कांग्रेसजन में जोश भरते हुए पार्टी के गौरवशाली अतीत की याद दिलायी। कहा कि 132 वर्ष गुजरने के बाद भी कांग्रेस वह पार्टी है जो अपने विचारों और नीतियों से और अधिक जवान होती जा रही है। उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने का दावा करते हुए भाजपा के झूठ से लडऩे के लिए तैयार रहने को कहा। इस मौके पर जिला-शहर के बुजुर्ग नेताओं को सम्मानित किया गया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने सभी जिला केंद्रों में सम्मान समारोह आयोजित किए जाने की जानकारी दी।
इनको मिला सम्मान : कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में सेवादल के पांच वरिष्ठ स्वयंसेवकों सुरेश मिश्रा, गिरजाशंकर अवस्थी, रेनू श्रीवास्तव, संगीत तिवारी व भूपेंद्र शुक्ला के अलावा पूर्व मंत्री स्वरूप कुमारी बख्शी, रामकृष्ण द्विवेदी, सीएल सिंह, जेपी मिश्रा, आयशा खान, रामदुलारे चौधरी, रामस्वरूप वर्मा, सनाउल हक, दीनबंधु दुबे, एचएन पांडेय, शेफूनिशा गांधी, अब्दुल हकीम, सरजू प्रसाद रावत, लल्लन वर्मा, दिनेश पायलट, उमेश अवस्थी, रामलखन, जमील अहमद अब्बासी, गुंजन गौतम, साबिर अली, मुन्ना लाल मिश्रा व डोरीन ढाली प्रमुख थे। समारोह में विधायक दीपक सिंह, बंशी सिंह पहाडिय़ा, राजबहादुर, श्याम किशोर शुक्ल, सतीश अजमानी, बोधलाल शुक्ल, गौरव चौधरी वीरेंद्र मदान, ओंकारनाथ सिंह , विजेंद्र प्रताप सिंह, विनोद मिश्र व मारूफ खान भी उपस्थित थे।
स्थापना
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ 28 दिसम्बर 1885 को बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुई थी। इसके संस्थापक महासचिव अंग्रेज अधिकारी ए ओ ह्यूम थे। पहले अध्यक्ष कोलकाता के व्योमेश चन्द्र बनर्जी थे।