RBI के सामने कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन, नोटबंदी पर प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी
नोटबंदी की विरोध में कांग्रेस ने प्रदेशभर में काला दिवस मनाया। कांग्रेस कार्यकार्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरोध में नारेबाजी भी की।
लखनऊ, (जेएनएन)।नोटबंदी की दूसरी वर्षगांठ पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए विधानमंडल दल के नेता व विधायक अजय सिंह लल्लू की अगुवाई में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सोमवार सुबह आरबीआई कार्यालय के बाहर के प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार पर जनता को संगठित तरीके से लूटने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि न कालाधन वापस आया न आतंकवाद, नक्सलवाद खत्म हुआ है। प्रधानमंत्री को देश की जनता से माफी मांगना चाहिए। गौरतलब है कि गत आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच सौ व एक हजार के नोट बंद करने की घोषणा की थी।
लोगों ने कहा कि, नोटबंदी के तुगलकी फरमान से 150 लोगों की जान चली गई। प्रधानमंत्री ने इसके फायदे बताने के लिए 50 दिन मांगे थे, लेकिन 732 दिन भी कितना पैसा बैंकों में आया, यह अभी तक नहीं बता पाए हैं। कार्यकर्ताओं ने कहा कि नोटबंदी में भाजपा नेताओं ने अपनी झोलियां भरी है। नोटबंदी का हिसाब चाहिए।
विधायक अजय सिंह ने कहा, भाजपा ने संगठित लूट की है। पूरी देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा आघात किया है। दिनों दिन अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा था, नोटबंदी से आतंकियों व नक्सलियों के पास जमा कालाधन समाप्त हो जाएगा। लेकिन न तो नक्सलवाद खत्म हुआ न ही आतंकवाद। इस देश में कैशलेस व्यवस्था शुरू हुई, लेकिन महज चार फीसदी इजाफा हुआ है। आज आरबीआई के सामने प्रदर्शन चल रहा है। प्रधानमंत्री जी जनता से माफी मांगे। कालाधन वापस नहीं आया है। भाजपा ने जनता को संगठित रुप से लूटने का काम किया है।
बलरामपुर : जिलाधिकारी कार्यालय में कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष अनुज सिंह की अगुवाई में नोटबंदी के दो साल पूरा होने पर विरोध प्रदर्शन किया गया। नोटबंदी के कारण किसान, युवा सभी वर्ग के लोग परेशान हैं। केंद्र सरकार से जवाब मांगा है कि अब तक कितने लोगों को रोजगार मिला है।
गोंडा : नोट बंदी और किसान समस्याओं को लेकर कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जिलाध्यक्ष बीएल चौबे की अगुआई में राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। आरोप लगाया की सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान आत्महत्या को विवश हो रहे हैं।