कंफर्म रेल टिकट के लिए लखनऊ में बन रहे फर्जी आधार और वोटर कार्ड
पहले से तैयार टिकट और आइडी को बेचने का सौदा लखनऊ जंक्शन के पास ही होता है, जिसकी जैसी मजबूरी उससे उतना महंगा सौदा।
लखनऊ (जागरण संवाददाता )। रेलवे डाल-डाल तो रेल टिकटों का फर्जीवाड़ा करने वाले पात-पात। चारबाग में सक्रिय दलाल कई महीने से फर्जी आधार और वोटर कार्ड बना रहे हैं। इन फर्जी आइडी पर ही वह आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर मुंबई के एसी थर्ड के ई टिकट बनाते हैं।
ऐसे ही दलाल से फर्जी आधार कार्ड और तत्काल कोटे का ई टिकट लेकर यात्र कर रहे दो नेपाली मूल के यात्रियों को रेलवे सुरक्षा बल की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया। हालांकि टिकट बनाने वाला दलाल मौके से भाग निकला। आरपीएफ दलाल और उसके सिंडीकेट की तलाश कर रही है।
नेपाल के कैलाली जिले के रहने वाले बीरेंद्र खत्री और बम बहादुर कुंवर कई दिन से मुंबई की ट्रेनों में जगह न मिलने के कारण नहीं जा पा रहे थे। उनसे एक दलाल ने संपर्क किया और 12108 लखनऊ-एलटीटी एक्सप्रेस एसी थर्ड तत्काल कोटे के दो टिकट के एवज में 10 हजार रुपये मांगे, जबकि इसका वास्तविक किराया चार हजार रुपये है।
दोनो नेपाली यात्रियों ने 10 हजार रुपये दलाल को दे दिए। दलाल ने दूसरे यात्री के नाम से तत्काल कोटे के दो कंफर्म टिकट बनाए और उसी नाम से आधार कार्ड बनाकर नेपाली यात्रियों को दे दिया। इस बीच पूर्वोत्तर रेलवे के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त राजीव यादव को इस खेल की सूचना मिली।
उन्होंने आरपीएफ क्राइम ब्रांच प्रभारी अशरफ सिद्दीकी, सत्येंद्र प्रताप सिंह, बीएन तिवारी, वीरेंद्र कुमार सिंह और कौशल कुमार शुक्ल को मौके पर जांच के आदेश दिए। टीम रविवार रात बोगी नंबर बी-2 बोगी की सीट नंबर पांच और छह पर पहुंची तो दोनो यात्रियों की आइडी मांगी।
आधार कार्ड देखने में हुबहू असली था। आधार कार्ड पर दर्ज पते के बारे में पड़ताल हुई तो दोनो यात्री हड़बड़ा गए। दोनों ने पूछताछ में बताया कि यह आधार कार्ड फर्जी है। दो लोगों के टिकट के लिए 10 हजार रुपये दलाल को दिए हैं।
इन यात्रियों के पास से नेपाली मूल की आइडी भी मिली। दोनों को गलत आइडी का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जबकि इसे बनाने वाले दलाल की तलाश की जा रही है।
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ऐसे करते हैं तलाश: लखनऊ जंक्शन के आसपास सक्रिय यह दलाल उन यात्रियों को आसानी से ढूंढ निकालते हैं, जो कई दिनों से मुंबई नहीं जा पाते हैं। पहले से तैयार टिकट और आइडी को बेचने का सौदा लखनऊ जंक्शन के पास ही होता है। जिसकी जैसी मजबूरी उससे उतना महंगा सौदा। इसी आधार पर दलाल मुंह मांगा दाम वसूलकर टिकट दे देते हैं।
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