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बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए वैश्विक स्तर पर उठाने होंगे ठोस कदम : डॉ दिनेश शर्मा

सिटी मोन्टेसरी स्कूल लखनऊ द्वारा ‘ग्लोबल गवर्नेंस नाउ-एक पोस्ट-कोविड इम्पेरेटिव’विषय पर ऑनलाइन आयोजित किये गये इस विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 21वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे दिन रविवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 12:35 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 12:35 PM (IST)
बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए वैश्विक स्तर पर उठाने होंगे ठोस कदम : डॉ दिनेश शर्मा
सीएमएस में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

लखनऊ, जेएनएन। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा ‘ग्लोबल गवर्नेंस नाउ-एक पोस्ट-कोविड इम्पेरेटिव’विषय पर ऑनलाइन आयोजित किये गये इस विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 21वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे दिन रविवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि विश्व के न्यायधीशों का यह सम्मेलन डॉ गांधी के बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु किये गए प्रयासों को प्रतिबिंबित करता है। मेरा मानना है कि हमारा यह कर्तव्य है कि हम बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए विश्व की एक सरकार तथा एक संसद बनाने का प्रयास करें। कांफ्रेंस के समन्यवक तथा सीएमएस संस्थपक डॉ जगदीश गाँधी ने विश्व के समस्त राष्ट्राध्यक्षों से अपील की कि वो सभी एक साथ आए और एक‘विश्व संसद का निर्माण जल्द से जल्द करें।

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21वें ऑनलाइन कांफ्रेंस के सुबह के सत्र में रविवार को मंगोलिया सुप्रीम कॉर्ट की न्यायाधीश, न्यायमूर्ति तुंगलग दग्वादरोज, अंतरराष्ट्रीय न्यायधीशों के संगठन के अध्यक्ष न्यायधीश जी. टी. पजोंन व फिलीपींस सुप्रीम कोर्ट के पुर्व मुख्य न्यायधीश हिलारिओ डेविड जूनियर, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हिलारियो डेविड जूनियर ने सम्बोधित किया। वही पार्थ शाह, सदस्य, गवर्निंग कौंसिल, इंडियन स्कूल ऑफ़ पब्लिक पालिसी ने सत्र का संचालन किया।

समारोह में बोलते हुए त्रिनिदाद एवं टोबैगो के पूर्व राष्ट्रपति एन्थोनी थाॅमस अकीनास कार्मोना ने कहा कि विश्व के ढाई अरब बच्चों को सुरक्षित भविष्य का अधिकार दिलाना एक ऐसा मुद्दा है जो विश्व में एकता, शान्ति व सौहार्द की स्थापना से ही संभव है। अतः प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था विश्व समुदाय के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है।

डा. जगदीश गाँधी ने सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे सभी 63 देशों के न्यायविद्ों, कानूनविद्ों से कहा कि विश्व के न्यायमूर्तियों ने आज यह अहसास करा दिया है कि एकता, शान्ति व बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु वे कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेंगे। डा. गाँधी ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन में क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति स्टीपन मेसिक, हैती के प्रधानमंत्री जीन हेनरी सिएन्ट, हैती के पूर्व राष्ट्रपति जोसलर्मे प्रिवर्ट, लेसोथो के पूर्व प्रधानमंत्री डा. पकालिथा बी. मोसिलिली, माॅरीशस के पूर्व राष्ट्रपति कासम उतीम, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति कगामा मोटलैन्थ, घाना के संसद अध्यक्ष प्रो. एरोन मिशैल ओकाये, सेन्ट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक के संसद अध्यक्ष श्री मोउसा लारेन्ट नगान बाबा, कम्बोडिया के वरिष्ठ मंत्री एंग वांग वथाना, इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैण्ड के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन्टोनी केसुआ-एमबीई मिन्डुआ, ताईवान के शान्ति संगठन फोपाल के प्रेसीडेन्ट डा. हांग ताओ एवं जापान के शान्ति संगठन ब्याको शिंको काई की प्रेसीडेन्ट सुश्री मसामी सायोन्जी समेत कई लोग शामिल हो रहे हैं।


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