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नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट से उत्तर प्रदेश की नौकरियों के भी खुलेंगे रास्ते

केंद्रीय स्तर की एनआरए द्वारा कराए जाने वाले सीईटी के सफल अभ्यर्थियों को राज्य में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की मुख्य परीक्षा में बैठने का सीधे मौका मिलेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 08:39 AM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 08:39 AM (IST)
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट से उत्तर प्रदेश की नौकरियों के भी खुलेंगे रास्ते
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट से उत्तर प्रदेश की नौकरियों के भी खुलेंगे रास्ते

लखनऊ [अजय जायसवाल]। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवा बेरोजगारों के लिए राहत देने वाली खबर है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिससे ग्रुप-सी के पदों पर न केवल भर्ती की प्रक्रिया तेज हो जाएगी, बल्कि अभ्यर्थियों की परेशानी भी कम होगी। केंद्रीय स्तर की नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) द्वारा कराए जाने वाले कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) के सफल अभ्यर्थियों को राज्य में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की मुख्य परीक्षा में बैठने का सीधे मौका मिलेगा। इस संबंध में आयोग ने नियमावली में संशोधन संबंधी प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है।

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दरअसल, उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों व निगमों में ग्रुप-सी के पदों पर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से जाने वाली विभिन्न भर्तियों में विभागीय पदों की सीमित संख्या के सापेक्ष लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या लाखों में होती है। ऐसे में अलग-अलग परीक्षाएं कराने में आयोग को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है, जिससे भर्तियां भी तेजी से नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में आयोग ने राज्य सरकार से द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली प्रस्तावित की है। इस बीच केंद्र सरकार द्वारा ग्रुप-बी व सी के गैर राजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए एनआरए यानी राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन और उसके माध्यम से सीईटी यानी सामान्य पात्रता परीक्षा के आयोजन का फैसला किया तो आयोग ने शासन को संशोधित प्रस्ताव भेजा है। 

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने सीईटी में सफल अभ्यर्थियों को यूपी में उसकी ओर से आयोजित की जाने वाली मुख्य परीक्षा में सीधे मौका देने के लिए नियमावली में संशोधन प्रस्तावित किया है। प्रस्ताव को राज्य सरकार की मंजूरी मिलने पर कुल पदों की संख्या के 15 से 20 गुना उन अभ्यर्थियों को सीधे मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका मिल सकेगा जिन्होंने सीईटी क्वालिफाई कर रखा होगा। इससे अभ्यर्थियों को तो राहत मिलेगी ही, आयोग को भी प्रारंभिक परीक्षा कराने से निजात मिल जाएगी।

भर्ती प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़े इसके लिए जब तक एनआरए द्वारा सीईटी का आयोजन शुरू नहीं किया जाता तब तक आयोग अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग के लिए प्रिलिमिनरी इलिजिबिलिटी टेस्ट (पीईटी) आयोजित करेगा और उससे शार्टलिस्ट किये गए अभ्यर्थियों के लिए मुख्य परीक्षा, कौशल परीक्षा व शारीरिक परीक्षा का आयोजन विभागीय जरूरतों और संबंधित सेवा नियमावलियों के अनुसार करेगा।

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने हाल ही में नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन और उसके माध्यम से कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट कराए जाने का फैसला किया है। सीईटी के आधार पर शार्टलिस्ट किए गए अभ्यर्थियों को राज्य में ग्रुप-सी के पदों की मुख्य परीक्षा के लिए सीधे मौका देने के संबंध में नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।

उत्तर प्रदेश नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ग्रुप-बी व सी के गैर राजपत्रित पदों पर भर्ती के संबंध में की गई नई व्यवस्था को उत्तर प्रदेश में भी लागू करने के बारे में राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इस संबंध में जल्द ही निर्णय किया जाएगा।


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