UP: ब्लैक फंगस से बचाव व इलाज को समिति गठित, SGPGI के निदेशक प्रो. धीमान करेंगे अध्यक्षता
कोविड के बाद महामारी बनकर उभरे ब्लैक फंगस से बचाव और इसके इलाज से जुड़े सभी पहलुओं का गहराई से परीक्षण करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एसजीपीजीआइ के निदेशक प्रो. राधा कृष्ण धीमान के नेतृत्व में एक समिति गठित की है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे महामारी घोषित कर इलाज की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में ब्लैक फंगस से बचाव और इसके इलाज से जुड़े सभी पहलुओं का गहराई से परीक्षण करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के निदेशक प्रो. राधा कृष्ण धीमान के नेतृत्व में एक समिति गठित की है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने शुक्रवार को बताया कि यह समिति ब्लैक फंगस बीमारी से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार करते हुए शासन को अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति के सदस्यों में पीजीआइ चंडीगढ़ के माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. अरुणालोक चक्रवर्ती, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो. हरदीप मल्होत्रा, एसजीपीजीआइ के पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. आलोक नाथ व न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ अमित केसरी तथा केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर हिमांशु रेड्डी शामिल हैं।
कोरोना की तरह ब्लैक फंगस भी महामारी घोषित : ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार राज्यों को इसे महामारी घोषित करने का निर्देश दे चुकी है। शुक्रवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस के अनुसार इसके इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसकी दवा का भी पर्याप्त मात्रा में इंतजाम किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जिलों में यह दवाएं उपलब्ध हों।
इलाज का ब्योरा विशेषज्ञों को देने के निर्देश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया गया कि ब्लैक फंगस के इलाज की दवाएं हर जिले में उपलब्ध करा दी गई हैं। निजी अस्पतालों में इस बीमारी का इलाज करा रहे रोगी भी मंडलायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर दवा प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कालेजों व निजी चिकित्सालयों में ब्लैक फंगस का इलाज करा रहे रोगियों की पूरी केस हिस्ट्री और लाइन ऑफ ट्रीटमेंट की जानकारी प्राप्त कर विशेषज्ञों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया ताकि इस बीमारी के इलाज की कारगर रणनीति अपनाई जा सके।