COVID-19 Effect : सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती 30 कोविड पॉजिटिव मरीज, हफ्ते भर बाद भी सीएमओ ने नहीं किया शिफ्ट
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में एक हफ्ते से करीब 30 कोरोना मरीज भर्ती हैं। बावजूद उन्हें कोविड अस्पतालों में शिफ्ट नहीं कराया जा रहा है। जबकि इस बाबत सिविल अस्पताल की तरफ से कई बार सीएमओ को पत्र लिखकर व मौखिक रूप से सूचित किया जा चुका है।
लखनऊ, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की तरफ से कोरोना संक्रमण से लेकर मरीजों के इलाज, भर्ती और जांच में कितनी बड़ी लापरवाही बढ़ती जा रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में एक हफ्ते से करीब 30 कोरोना मरीज भर्ती हैं। बावजूद उन्हें कोविड अस्पतालों में शिफ्ट नहीं कराया जा रहा है। जबकि इस बाबत सिविल अस्पताल की तरफ से कई बार सीएमओ को पत्र लिखकर व मौखिक रूप से भी सूचित किया जा चुका है। मगर इस दिशा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसके चलते सिविल अस्पताल के कई डॉक्टर भी संक्रमित हो चुके हैं। इन पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आकर इमरजेंसी के अन्य मरीज भी पॉजिटिव होते जा रहे हैं।
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें से करीब 5 से 10 फीसद को भर्ती भी होना पड़ता है। निगेटिव मरीज भी दो-तीन दिन भर्ती रहने के बाद संक्रमित होने लगता है। लिहाजा उसकी जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। इस प्रकार धीरे-धीरे यहां की इमरजेंसी में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
45 बेड की इमरजेंसी में 30 पॉजिटिव: 45 बेड वाले सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में 30 मरीज तो सिर्फ संक्रमित है। वहीं 15 मरीज नान कोविड-19 के हैं। वह भी धीरे-धीरे दो-तीन दिनों में संक्रमित हो जा रहे हैं। मगर सीएमओ डॉक्टर संजय भटनागर के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। लापरवाही का आलम यह है कि इसके चलते कई कोरोना मरीज सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में ही रहकर दम तोड़ चुके हैं। बावजूद सीएमओ की आंख अभी तक नहीं खुली है। सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ सुभाष चंद्र सुंदरियाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को कई बार पत्र लिखकर व अन्य प्रकार से सूचित किया जा चुका है। मगर कोरोना मरीजों की शिफ्टिंग नहीं कराए जाने से कई दम तोड़ चुके हैं। जबकि अन्य लोग व हमारे स्टाफ भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। वही इस बारे में डॉक्टर संजय भटनागर से कई बार फोन पर संपर्क साधा गया, लेकिन उन्होंने फोन पिक नहीं किया।