सीएम योगी मेयर और चेयरमैन को देंगे नगरीय शासन का मंत्र
उत्तर प्रदेश के सभी मेयर और अध्यक्ष के लिए बुधवार को लखनऊ में एक कार्यशाला है। यहां मेयरों और चेयरमैनों को नगरीय शासन का मंत्र दिया जाना है।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के सभी मेयर और अध्यक्ष का बुधवार को लखनऊ आ रहे हैं। यहां सरकार की ओर से 13 दिसंबर को एक कार्यशाला होनी है। यहां मेयरों और चेयरमैनों को नगरीय शासन का मंत्र दिया जाना है। निकाय प्रतिनिधियों की उनके कर्तव्य के प्रति जवाबदेही तय होनी है और जनसरोकार से जुडऩे की घुट्टी मिल सकती है। हालांकि यह कार्यशाला सरकार द्वारा आयोजित है फिर भी भाजपा नेता इसका फोकस लोकसभा चुनाव पर अधिक रख सकते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने प्रदेश की लोकसभा की 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य तय किया है। अतः संभव है कि सरकार और संगठन इसी दिशा में काम को आगे बढ़ाएं। बुधवार को गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इस कार्यशाला का आयोजन है। कार्यशाला में नवनिर्वाचित मेयर व चेयरमैनों के अलावा नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को भी बुलाया गया है।
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निकाय प्रतिनिधियों का सम्मेलन करेगी भाजपा
भाजपा ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में चुनाव जीतने वाले महापौर से लेकर पार्षद तक को लखनऊ बुलाकर प्रदेश स्तरीय सम्मेलन करने का फैसला किया है। इसका खाका तैयार हो गया है लेकिन, अभी तारीख तय नहीं है। सम्मेलन में चुने प्रतिनिधियों को संकल्प पत्र के प्रति जवाबदेह बनाने से लेकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सबक दिए जाएंगे।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और संगठन महामंत्री सुनील बंसल अब मिशन 2019 की तैयारियों में जुटे हैं। पार्टी अब जो भी एजेंडा तय कर रही उसके केंद्र में 2019 का लोकसभा चुनाव है। भाजपा के नगर निगम में 14 महापौर, 596 पार्षद, नगर पालिका में 70 चेयरमैन और 922 सदस्य तथा नगर पंचायतों में 100 चेयरमैन और 664 सदस्य जीते हैं। इन 2366 प्रतिनिधियों को लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलनी है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन पर 25 दिसंबर को बूथ स्तर पर पार्टी सुशासन दिवस मनाने जा रही है। करीब डेढ़ लाख बूथों पर मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम को लेकर भाजपा की सक्रियता बढ़ गई है। महानगर और कस्बों में पडऩे वाले बूथों पर इन जीते प्रतिनिधियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। 25 दिसंबर के बाद लखनऊ या किसी महत्वपूर्ण स्थल पर निकाय प्रतिनिधियों का एक राज्य स्तरीय सम्मेलन होगा। संकेत मिल रहे हैं कि 14 जनवरी के बाद ही यह आयोजन होगा और इसमें भाजपा के शीर्ष नेता भी शामिल हो सकते हैं।