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भूमि आवंटन में भ्रष्टाचार पर सीएम योगी आदित्यनाथ की बड़ी कार्रवाई, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी समेत तीन सस्पेंड

मेरठ में चकबंदी में हुई अनियमितता की जांच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी राकेश कुमार चकबंदी अधिकारी प्रभाकर और चकबंदी लेखपाल संजीव कुमार चौहान निलंबित किए गए हैं। सभी अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज होने के साथ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 01:01 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 04:39 PM (IST)
भूमि आवंटन में भ्रष्टाचार पर सीएम योगी आदित्यनाथ की बड़ी कार्रवाई, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी समेत तीन सस्पेंड
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भूमि आवंटन अनियमितता में तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी ने मेरठ जिले में भूमि आवंटन अनियमितता में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी समेत महकमे के तीन कार्मिकों को सस्पेंड कर दिया है। तीनों पर मुकदमा दर्ज करने का भी आदेश जारी हुआ है। यह घाेटाला मेरठ के बिसौला में हुआ था। यहां ग्रामसभा की जमीन अवैध ढंग से आवंटित की गई थी।

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मेरठ जिले के बिसौला गांव में चकबंदी अधिकारियों-कर्मचारियों की कारगुजारी के कारण ग्राम सभा की 30.79 हेक्टेयर बंजर जमीन की बंदरबांट का मामला उजागर हुआ है। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी समेत महकमे के तीन कार्मिकों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनमें बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी राकेश कुमार, चकबंदी अधिकारी प्रभाकर और चकबंदी लेखपाल संजीव कुमार चौहान शामिल हैं। निलंबित किये गए तीनों कार्मिकों के खिलाफ जिलाधिकारी मेरठ को एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। चकबंदी विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से नियम विरुद्ध पारित किये गए आदेशों के क्रियान्वयन को स्थगित करने का निर्देश भी जिलाधिकारी को दिया गया है।

भूमि आवंटन अनियमितता प्रकरण में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी राकेश कुमार ने वाद संख्या-256, 262, 352, 353 व 556 राजेश सौंधी बनाम संगीता गुप्ता आदि को नियमों के खिलाफ स्थानांतरित किया था। इन्हीं विचाराधीन वादों को फिर से चकबंदी अधिकारी द्वितीय के न्यायालय में स्थानांतरित करने का आदेश पारित किया गया। स्थानांतरण प्रार्थना पत्र पर विचार करने से पहले न तो ग्राम सभा को पक्ष प्रस्तुत करने का मौका दिया गया और न ही पीठासीन अधिकारी की रिपोर्ट प्राप्त की गई।

इसके अलावा मवाना, मेरठ के चकबंदी अधिकारी प्रभाकर ने हाई कोर्ट के स्थगनादेश के प्रभावी रहते हुए उप जिलाधिकारी मवाना की ओर से 19 जुलाई 2008 को पारित आदेश को खारिज करते हुए गंभीर अनियमितता बरती। चकबंदी अधिकारी की ओर से तीन सितंबर 2020 को पारित आदेश के आधार पर विवादित भूमि के कई बैनामे हो गए जिससे ग्राम सभा को 30.79 हेक्टेयर बंजर भूमि का आर्थिक नुकसान हुआ। चकबंदी लेखपाल संजीव कुमार चौहान ने विभागीय अनुमति प्राप्त किये बिना यह भूमि एक मार्च 2019 को खरीद ली। जिलाधिकारी मेरठ ने इस अनियमितता की जांच दो सदस्यीय समिति से करायी थी जिसमें गड़बड़ियों का पता चला।


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