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बलरामपुर में सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ बोले-भ्रष्ट जनप्रतिनिधि सबसे बड़े भस्मासुर, सोच समझकर दें वोट

सीएम योगी ने कहा क‍ि जनप्रतिनिधि बनते ही जनता को मिलने वाली योजनाओं को डकार कर भस्म करने की जुगत करते हैं। इसलिए आपको कोई भस्मासुर पैदा नहीं होने देना है। सोच समझकर अपने मत का प्रयोग करें। जाति पात पर वोट न दें अच्छी सरकार चुनेंगे तो विकास होगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 08:11 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 08:11 PM (IST)
बलरामपुर में सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ बोले-भ्रष्ट जनप्रतिनिधि सबसे बड़े भस्मासुर, सोच समझकर दें वोट
शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर पर आयोजित ब्रह्मलीन महंत महेंद्र नाथ योगी का श्रद्धांजलि समारोह।

बलरामपुर, जागरण संवाददाता। शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर पर आयोजित ब्रह्मलीन महंत महेंद्र नाथ योगी के श्रद्धांजलि समारोह के बहाने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव में सोच समझकर सरकार चुनने का संदेश दिया। कहाकि संत हमेशा सत्य की राह पर चलने और जाति-पात, छोटा-बड़ा, ऊंच-नीच सोचने की बात नहीं करता। आज संविधान दिवस है, आप सभी को प्रण करना होगा कि क्षेत्रवाद और जाति पात पर वोट नहीं देंगे। कहा कि भ्रष्ट जनप्रतिनिधि सबसे बड़ा भस्मासुर है। जनता वोट देकर चुनती है।

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सीएम योगी ने कहा क‍ि जनप्रतिनिधि बनते ही जनता को मिलने वाली योजनाओं को डकार कर भस्म करने की जुगत करते हैं। इसलिए आपको कोई भस्मासुर पैदा नहीं होने देना है। सोच समझकर अपने मत का प्रयोग करें। जाति पात पर वोट न दें अच्छी सरकार चुनेंगे तो विकास होगा। खराब सरकारों को चुनने का हस्र सभी लोग पहले देख चुके हैं कि खराब सरकार चुने जाने के बाद किस तरह से गरीबों का राशन खा लिया जाता था। शौचालय और आवास गरीबों को नहीं मिलता था। बिजली के लिए लोग तरसते थे। सड़क इस तरह थी कि गोंडा से बलरामपुर आने में ढाई घंटे लगते थे। आज एक घंटे में आप पहुंच सकते हैं।

कहा कि देवीपाटन मंदिर एक शक्तिपीठ है, जहां पर सती का बाया कंधा वस्त्र सहित गिरा था। जिसे गुरु गोरक्षनाथ ने विग्रह कराते हुए नेपाल के अपने शिष्य रत्ननाथ जी को यहां की पूजा पाठ सौंप दिया था। कालांतर से ही यह मठ भारत-नेपाल के मैत्री संबंधों में एक कड़ी निभाने का काम करता रहा है। राजनीतिक रूप से भले दो देश हो लेकिन, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपरा दोनों देशों की एक ही है। प्रत्येक नेपालवासी जब धाम की तरफ देखता है, तो भारत में चारों धाम का दर्शन करने की इच्छा जाग उठती है।

इसी तरह काठमांडू में पशुपतिनाथ का दर्शन पाने के लिए हर भारतीय की ललक होती है। गंगा और कुंभ स्नान करने के लिए नेपाल के लोग यहां आते हैं, जो दोनों देशों की संस्कृति और परंपरा एक है को दर्शाते हैं। कहाकि ब्रह्मलीन महंत महेंद्र नाथ योगी ने गोरखपुर की परंपराओं को यहां भी आगे बढ़ाया। गौ सेवा, थारू छात्रावास, अस्पताल स्कूल के नींव रखकर जन भावनाओं में अपनी जगह सुरक्षित कर ली। कहा कि जो संत बेहतर और लोक निर्माण के लिए काम करते हैं उनका सम्मान और उनकी स्मृति सदियों तक की जाती है।


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