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शहीद सेना के जवान पिंकू कुमार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि, आश्रितों को आर्थिक सहायता व नौकरी की घोषणा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहीद पिंकू कुमार के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने शहीद के परिवारीजन को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 10:31 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 10:32 PM (IST)
शहीद सेना के जवान पिंकू कुमार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि, आश्रितों को आर्थिक सहायता व नौकरी की घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिंकू कुमार के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।

लखनऊ, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उत्तर प्रदेश के बागपत निवासी सेना में हवलदार पिंकू कुमार शहीद हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिंकू कुमार के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने शहीद के परिवारीजन को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिंकू कुमार के परिवारीजन के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार उनके साथ है। शहीद के परिवार को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद के सर्वोच्च बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने शहीद के परिवारीजन को 50 लाख की रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होंने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और जिले की एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर करने की भी घोषणा की है।

बागपत जिले के गांव लुहारी में किसान परिवार में जन्मे पिंकू कुमार 13 सितंबर, 2001 को सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह जम्मू-कश्मीर में हवलदार के पद पर तैनात थे। पिंकू के बड़े भाई मनोज के अनुसार शनिवार देर रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे जम्मू-कश्मीर से सेना के अफसर ने उनके भाई 38 वर्षीय पिंकू के शहादत की खबर दी। इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। पिंकू की पत्नी कविता अपने एक बेटे और दो बेटियों के साथ मायके गांव सोरम गोयला, मुजफ्फरनगर गई हुई थीं। वह भी सूचना मिलते ही लुहारी गांव में पहुंच गईं। जनप्रतिनिधि भी दुख को साझा करने के लिए शहीद के घर जा रहे हैं।


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