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UP में जन्माष्टमी के दिन कटी कई जिलों में बिजली, STF को जांच; CM ने दी तीन दिन की मोहलत

ऊर्जा मंत्री का कहना है जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटर में गलत कमांड देकर बड़ी संख्या में डिस्कनेक्शन की लापरवाहीपूर्ण घटना अत्यंत गंभीर व अक्षम्य है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 10:53 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 08:38 AM (IST)
UP में जन्माष्टमी के दिन कटी कई जिलों में बिजली, STF को जांच; CM ने दी तीन दिन की मोहलत
UP में जन्माष्टमी के दिन कटी कई जिलों में बिजली, STF को जांच; CM ने दी तीन दिन की मोहलत

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश के बिजली विभाग में कर्मचारियों के पीएफ घोटाले की उच्चस्तरीय जांच के बाद अब एक और जांच पुलिस को सौंपी गई है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात प्रदेश में स्मार्ट मीटर प्रयोग करने वाले लाखों उपभोक्ताओं के डिस्कनेक्शन के कारण प्रदेश में करीब तीन घंटे तक अंधेरा होने के मामले की जांच उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) करेगी। 

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प्रदेश में इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की सिफारिश पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के निर्देश दे दिए हैं। तीन दिन में जांच पूरी करने के लिए गुरुवार देर शाम को ही एसटीएफ की टीम शक्तिभवन मुख्यालय पहुंच गई। इस बीच पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने भी पूरे मामले की जांच के लिए अपने स्तर से एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। इसके साथ विद्युत नियामक आयोग ने भी पूरे मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी विद्युत वितरण कंपनियों को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट तलब की है।  

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बुधवार को स्मार्ट मीटर वाले लाखों घरों की बत्ती गुल होने से विद्युत उपभोक्ताओं को घंटों अंधेरे में रहना पड़ा। इस मामले की प्रारंभिक जांच में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पावर कारपोरेशन के मुख्यालय, शक्ति भवन के स्मार्ट मीटर कंट्रोल सिस्टम में त्रुटिपूर्ण कमांड देने से ऐसा हुआ है। कंट्रोल रूम में लगे सर्वर से स्मार्ट मीटर पर निजी कंपनी एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो) और ईईएसएल (एनर्जी एफीसिएंशी सर्विसेस लिमिटेड) नजर रखती है। 

सरकार की छवि को गहरा आघात

ऊर्जा मंत्री का कहना है जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटर में गलत कमांड देकर बड़ी संख्या में डिस्कनेक्शन की लापरवाहीपूर्ण घटना अत्यंत गंभीर व अक्षम्य है। इससे जनता के बीच सरकार की छवि को भी गहरा आघात पहुंचा है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर उन्हेंं पूरे मामले की विस्तार से जानकारी देने के साथ ही प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच यूपी एसटीएफ से कराने की सिफारिश की।

एसटीएफ को तीन दिन की मोहलत

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एसटीएफ को जांच के लिए तीन दिन की मोहलत देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विदित हो कि ईईएसएल के यूपी स्टेट हेड व एलएंडटी के यूपी में प्रोजेक्ट मैनेजर को बुधवार देर रात ही निलंबित कर दिया गया था। ईईएसएल भी अपने स्तर से कमेटी गठित कर जांच करा रही है ताकि फिर ऐसा कभी न हो। 

एसटीएफ ने शुरू की जांच 

अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने देर शाम बताया कि एसटीएफ ने जांच शुरू करते हुए कंट्रोल रूम देखा और संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की है। कुमार ने बताया कि उन्होंने भी एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है जिसमें आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर को रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक ऊर्जा मंत्री ने भविष्य में स्मार्ट मीटरिंग प्रणाली को अत्यधिक सुरक्षित बनाने के लिए मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को भी आवश्यक दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया है। अध्यक्ष ने दावा किया कि डिस्कनेक्ट सभी स्मार्ट मीटर गुरुवार सुबह तक चालू हो गए हैं। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जीनस कंपनी के 10 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर हैं। इनमें से 90 फीसद से अधिक बुधवार को बंद हो गए थे। हालांकि, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि 1.50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर ही डिस्कनेक्ट हुए थे। प्रदेशभर में 10 लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगे हैं। शक्तिभवन मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम में लगे सर्वर से स्मार्ट मीटर पर निजी कंपनी एलएंडटी और ईईएसएल द्वारा नजर रखी जाती है। बुधवार दोपहर बाद लगभग तीन बजे प्रदेश के लाखों स्मार्ट मीटर से बिजली आपूर्ति ठप हो गई जबकि विद्युत उपभोक्ताओं का न बिल बकाया था और न ही देय तिथि गुजरी थी। खासतौर से लखनऊ के अलावा मथुरा, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के उपभोक्ता प्रभावित हुए। परेशान उपभोक्ता, विद्युत उपकेंद्रों पर पहुंचे लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।

बताया जा रहा है कि कंट्रोल रूम में कार्यरत कर्मियों ने शरारत या लापरवाही में गलत कमांड दे दिया जिससे सॉफ्टवेयर-हार्डवेयर में तकनीकी गड़बड़ी आ गई। इससे जीनस कंपनी के 90 फीसद से अधिक स्मार्ट मीटर से अचानक बिजली आपूर्ति रुक गई। पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने बताया कि तकनीकी गड़बड़ी से स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति ठप हुई लेकिन देर रात तक उसे ठीक कर दिया गया। फिर भी कोई समस्या हो तो वह डिस्कॉमवार हैंडल्स पर टैग कर जानकारी दे दे। गौर करने की बात यह है कि अगर सूबे के सभी लगभग तीन करोड़ उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगे होते तो ऐसे में ग्रिड को भी खतरा हो सकता है। 

चार सदस्यीय कमेटी करेगी जांच, देगी सुझाव

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यी कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए सुझाव भी देगी। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक एसपी गंगवार इस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हैैं। सदस्यों में एके श्रीवास्तव, निदेशक (वाणिज्य), उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड, आइआइटी कानपुर के निदेशक की ओर से नामित सदस्य और मुख्य अभियंता (वितरण), आगरा एके चौधरी शामिल किए गए हैं। 


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