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LDA की बड़ी लापरवाही: 10 साल बाद भी सृष्टि अपार्टमेंट के लिए नहीं मिले ठेकेदार, नहीं बन पाया क्‍लब

लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) से लाखों रुपये देकर फ्लैट खरीदने वाले सृष्टि अपार्टमेंट के आवंटी स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। क्योंकि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जो वादे किए थे आज तक अधूरे हैं। इनमें क्लब परिसर में दस साल बाद भी नहीं बन सका।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 10:59 AM (IST)
LDA की बड़ी लापरवाही: 10 साल बाद भी सृष्टि अपार्टमेंट के लिए नहीं मिले ठेकेदार, नहीं बन पाया क्‍लब
एलडीए के सृष्‍टि अपार्टमेंट के लिए दस साल में छह बार हुआ टेंडर, आज भी नहीं बन सका क्लब।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) से लाखों रुपये देकर फ्लैट खरीदने वाले सृष्टि अपार्टमेंट के आवंटी स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। क्योंकि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जो वादे किए थे, आज तक अधूरे हैं। इनमें क्लब परिसर में दस साल बाद भी नहीं बन सका। अधिशासी अभियंता केके बंसला कहते हैं कि कीमत रिवाइज (27 लाख) करके फिर से ठेका निकाला जाएगा। वहीं लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार के सामने सहायक अभियंता अजय गोयल ने बताया कि छह बार टेंडर  हो चुका है, कोई  आ नहीं रहा है। सवाल खड़ा होता है कि इसमें उन आवंटियों का क्या दोष जिन्होंने अपनी जीवन की गाढ़ी कमाई लगाकर फ्लैट खरीदे थे। आज भी बुकलेट में दिए गए वादे पूरे न हो सके और आवंटी परेशान है।

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लविप्रा ठेकेदार खोज नहीं पा रहा है इसमें दोष आवंटियों को दिया जा रहा है। 23 फरवरी को डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने पूरी टीम के साथ कुर्सी रोड स्थित सृष्टि अपार्टमेंट का निरीक्षण किया था। घटिया बेसमेंट व खराब सड़क की गुणवत्ता के जांच के निर्देश दिए गए थे। जांच रफ्तार नहीं पकड़ सकी। तीन माह में आखिर बचे हुए काम कैसे होंगे, इस पर अभी प्रश्न चिह्न लगा हुआ है। वहीं स्मृति अपार्टमेंट जो सृष्टि अपार्टमेंट के सामने बना हुआ है। यहां समस्याओं का अंबार है। ठेकेदार का आरोप है कि अभियंता वे काम करा रहे हैं जो उनके नियम शर्तो में नहीं है। यही नहीं भुगतान को लेकर परेशान किया जा रहा है। इसके अलावा अभियंता अपनी कमियां छिपाने के लिए ठेकेदार पर दोषारोपण कर रहे हैं। 

होटल व गेस्ट हाउस बुक कराने को विवश

सृष्टि अपार्टमेंट करीब चार सौ से अधिक आवंटी रह रहे हैं। साल में जन्म दिन, शादी की सालगिराह व त्योहार पर होने वाले कार्यक्रमों के लिए अलग से पंडाल लगवाना पड़ता है या फिर निजी गेस्ट हाउस व होटल में आवंटी जाने को विवश है। क्योंकि यहां क्लब नहीं बना है।


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