आश्चर्य! मां के पैर की गायब हड्डी बेटी के शरीर में मिली
बलरामपुर अस्पताल में अनूठा मामला सामने आया। इस मामले में मां के पैर की गायब हड्डी बेटी के शरीर में मिली। डॉ.जीपी गुप्ता की देखरेख में इसका उपचार किया गया।
लखनऊ (राफिया नाज)। बलरामपुर अस्पताल में एक अनूठा मामला सामने आया है। अस्पताल की इमरजेंसी में दुर्घटना में घायल कुछ लोगों को भर्ती करवाया गया था। मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर ने जब एक्सरे करवाया तो देखा कि मां के दायें पैर के घुटने के ऊपर की आधी हड्डी गायब है। डॉक्टर यह मानकर चले कि शायद दुर्घटना के समय पैर की हड्डी टूटकर घटना स्थल पर गिर गई होगी। वहीं जब बच्ची का इलाज शुरू किया गया तो डॉक्टर हैरत में पड़ गए। उन्होंने देखा कि मां के पैर की गायब हड्डी बच्ची के शरीर में मौजूद है।
बिना एक्सरे जांच के कर दिया था स्टिच
कांशीराम कॉलोनी हरदोई निवासी छह लोग 24 अप्रैल को दुर्घटना में घायल हुए थे। जिला अस्पताल में बिना एक्सरे करवाए 42 वर्षीय बेबी के जख्म को स्टिच कर उसमें लकड़ी बांध दी थी। वहां से वह ट्रामा सेंटर पहुंचे लेकिन, इलाज नहीं मिला। इसके बाद बलरामपुर अस्पताल आए, जहां आर्थोपेडिक सर्जन डॉ.जीपी गुप्ता की देखरेख में उनका इलाज शुरू हुआ।
एक्स-रे में गायब थी बेबी की दाएं पैर की हड्डी
जब चारों मरीज बलरामपुर अस्पताल आए तो इनमें से साहिल और मोनू को प्लास्टर कर डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं डॉ.गुप्ता ने जब 42 वर्षीय बेबी का एक्सरे देखा तो उसके बाएं पैर में घुटने के ऊपर की हड्डी में फ्रैक्चर था और वह गायब थी। ऐसे में यह माना गया कि हड्डी दुर्घटना स्थल पर गिर गई होगी। वहीं बेबी की 12 वर्षीय बेटी मुस्कान के दाएं घुटने पर भी चोट थी। उसका एक्सरे देखने पर उसके घुटने की हड्डी चूर-चूर मिली।
कराई गई हड्डी की मैचिंग
जब बच्ची के पैर की हड्डियों को बारीकी से देखा गया तो पता चला कि उसमें एक हड्डी बच्ची की न होकर वयस्क की है। यह हड्डी बेबी की हड्डी से मैच कर रही थी, बाद में उन्हें पता चला कि मुस्कान बेबी के पीछे बैठी थी। जब हादसा हुआ तो बेबी मुस्कान के ऊपर गिरी थी, हादसे की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि बेबी की हड्डी क्रश होकर मुस्कान के घुटने के अंदर चली गई।
एक दिन में एक मिमी बढ़ेगी हड्डी
बेबी की फीमर बोन को इस तरह से काटा गया कि हड्डी की झिल्ली पैरिऑस्टिम को छोड़ दिया गया। इससे हड्डियों का निर्माण होता है। रेल टे्रक्शन एक रेल की पटरी की तरह होता है, इसमें एक चाबी लगी होती है। टूटी हुई हड्डी ऊपर से नीचे की ओर रॉड के सहारे वृद्धि करेगी। एक दिन में हड्डी लगभग एक मिमी तक बढ़ेगी और मरीज को हर दिन रेल टे्रक्शन में एक चाबी एंटी क्लॉक वाइज भरनी होगी। वहीं हर सप्ताह उसे फॉलोअप में आकर दिखाना होगा। इससे पूरे 10 सेमी के गैप को भरने में तीन माह का समय लग जाएगा। मुस्कान भी ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से ठीक है। जल्द ही दोनों को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। ऑपरेशन करने में एनेस्थेटिस्ट डॉ.एनपी सिंह, डॉ.मिर्जा सिस्टर शशि और लालसा की टीम ने सहयोग किया।
जल्दबाजी ने डाल दी जान जोखिम में
बेबी के बेटे राजू ने बताया कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होने वाली थी। उसे देखने अस्पताल के लिए परिवार के छह लोग एक ही बाइक पर सवार होकर घर से निकल पड़े। यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए छह लोगों में सबसे आगे पांच साल का साहिल, 22 वर्षीय मोनू, 12 साल की मुस्कान के पीछे 42 वर्षीय उसकी मां बेबी और उनके पीछे 18 साल की सोनी और उसकी गोद में एक साल का समीर था। आगे से आने वाली बोलेरो ने बाइक को बुरी तरह से टक्कर मार दी, जिससे सभी लोग बाइक से छिटककर गिर पड़े और बुरी तरह से घायल हो गए।