Move to Jagran APP

UP: स्वास्थ्य विभाग में खराब परफार्मेंस वाले 50 की उम्र पार क्लर्कों की होगी छंटनी, स्क्रीनिंग कमेटी बनी

यूपी के स्वास्थ्य विभाग में कार्यालयों और अस्पतालों में भ्रष्टाचार में लिप्त और खराब परफार्मेंस वाले 50 वर्ष से अधिक आयु के बाबुओं को सूचीबद्ध कर इन्हें जबरन रिटायर किया जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 09:46 AM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 09:51 AM (IST)
UP: स्वास्थ्य विभाग में खराब परफार्मेंस वाले 50 की उम्र पार क्लर्कों की होगी छंटनी, स्क्रीनिंग कमेटी बनी
UP: स्वास्थ्य विभाग में खराब परफार्मेंस वाले 50 की उम्र पार क्लर्कों की होगी छंटनी, स्क्रीनिंग कमेटी बनी

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में सरकार बनते ही स्पष्ट कर दिया था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी नीति जीरो टॉलरेंस की रहेगी। कई विभागों में अफसरों से लेकर कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हुई। अब बारी स्वास्थ्य विभाग की है। योगी सरकार ने तय किया है कि कार्यालयों और अस्पतालों में भ्रष्टाचार में लिप्त और खराब परफार्मेंस वाले 50 वर्ष से अधिक आयु के बाबुओं को सूचीबद्ध कर इन्हें जबरन रिटायर किया जाएगा। इसके लिए चार सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है। स्क्रीनिंग कमेटी को आदेश दिए गए हैं कि खराब परफार्मेंस वाले क्लर्कों को सूचीबद्ध करें, ताकि इन्हें तत्काल रिटायर किया जा सके।

loksabha election banner

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कार्यालयों और अस्पतालों में कार्यरत लिपिकों की दक्षता सुनिश्चित करने और अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर दिया है। निदेशक (प्रशासन) डॉ. पूजा पांडेय की ओर से स्क्रीनिंग कमेटी के गठन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। 50 वर्ष से अधिक आयु के क्लर्कों को स्क्रीनिंग कर जबरन रिटायर किया जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष अपर निदेशक (प्रशासन) को बनाया गया है, वहीं संयुक्त निदेशक (कार्मिक), संयुक्त निदेशक (मुख्यालय) और वरिष्ठ लेखाधिकारी को सदस्य बनाया गया है।

स्क्रीनिंग कमेटी के गठन के आदेश का पत्र जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों में बैचेनी बढ़ गई है। बाबुओं के बीच इस स्क्रीनिंग कमेटी को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कौन रहेगा और कौन बाहर होगा, इसे लेकर वे दशहत में हैं। उधर, निदेशक (प्रशासन) डॉ. पूजा पांडेय की ओर से स्क्रीनिंग कमेटी को निर्देश दिए गए हैं कि वह स्क्रीनिंग की प्रक्रिया जल्द शुरू करें और खराब परफार्मेंस वाले बाबुओं को सूचीबद्ध करें, ताकि इन्हें तत्काल रिटायर किया जा सके।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले तीन सालों में लगतार स्वास्थ्य विभाग में हुई कई घटनाओं से सरकार की किरकिरी हुई है। तमाम कोशिशों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। इन सभी बिंदुओं को देखते हुए योगी सरकार ने खराब परफार्मेंस वाले बाबुओं को सूचीबद्ध कर जबरन रिटायर करने का फैसला लिया है। इस आदेश के बाद विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है। फैसले से नाराज लिपिक संवर्ग ने 14 अक्टूबर को आंदोलन करने का ऐलान किया है। स्वास्थ्य विभाग में प्रदेश भर में लिपिक संवर्ग के 1400 से 1500 कर्मचारी तैनात हैं। इनमें से 50 से ज्यादा उम्र के करीब 30 से 40 प्रतिशत कर्मचारी हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.